नई दिल्ली : आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई का बढ़ता क्षेत्र इंसानों के लिए फायदेमंद और नुकसानदेह दोनों साबित हो रहा है. आपने डीपफेक के बारे में सुना या पढ़ा होगा. डीपफेक कृत्रिम बुद्धिमत्ता द्वारा बनाई गई वीडियो या ऑडियो फ़ाइलें हैं. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक लोगों को गलत जानकारी प्रदान करती है. बता दें कि डीपफेक […]
नई दिल्ली : आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई का बढ़ता क्षेत्र इंसानों के लिए फायदेमंद और नुकसानदेह दोनों साबित हो रहा है. आपने डीपफेक के बारे में सुना या पढ़ा होगा. डीपफेक कृत्रिम बुद्धिमत्ता द्वारा बनाई गई वीडियो या ऑडियो फ़ाइलें हैं. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक लोगों को गलत जानकारी प्रदान करती है. बता दें कि डीपफेक का इस्तेमाल कर महान हस्तियों की तस्वीरें, वीडियो और इंटरव्यू को तोड़-मरोड़कर पेश किया जाता है. दरअसल डीपफेक से भी बचा जा सकता है.
इनसे बचने के लिए डीपफेक के बारे में जानना बहुत जरूरी है, कुछ सामान्य बातें आपको याद रह सकती हैं. आपको अत्यधिक पलकें झपकाने, चेहरे का अधिक या कम चमकीला होना, चेहरे के अजीब भाव आदि को समझने की जरूरत है.
डीपफेक से बचने के लिए आपको ये देखना है कि आपने सोशल मीडिया पर क्या-क्या शेयर किया है, साथ ही कोशिश करें कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपनी पर्सनल जानकारियों को शेयर न करें, जालसाज अधिकतर जानकारी सोशल मीडिया से ही लेते हैं.
प्राइवेसी सेटिंग को समय-समय पर एडजस्ट करते रहे, किसी भी एप के नियम और शर्तों को ध्यान से पढ़ें. इसके अलावा हाई रेज्यूलेशन वाला फोटो, बिना एडिट हुई फोटो को साझा करने से बचें.
अगर आप ऑनलाइन या किसी प्लेटफॉर्म पर अपनी फोटो और वीडियो शेयर करते हैं तो कोशिस करें कि उन्हें वाटरमार्क के साथ पोस्ट करें. डिजिटल वाटरमार्क डीपफेक से सुरक्षा देने में काफी असरदार है.
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टू स्टेप वेरिफिकेशन का इस्तेमाल करने से डीपफेक से बचा जा सकता है. ऐसा करने से आपका सोशल अकाउंट या डिवाइस अधिक सेफ हो जाएगा.
डीपफेक से बचने के लिए आप डिवाइस में एंटीवायरस और एंटी मैलवेयर सॉफ्टवेयर लागू करें, ये फिशिंग अटैक और संदिग्ध लिंकों से बचाने का काम करेगा.
अगर अधिक जरूरी नहीं है तो कभी भी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपने निजी दस्तावेजों को शेयर न करें. इनमें पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड और पैन कार्ड आदि, इन कीमती दस्तावेजों को गलत हाथों में जाने से रोकें.
अगर आप कभी डीपफेक का शिकार हो जाएं तो उस कंटेंट की संबंधित प्लेटफॉर्म पर रिपोर्ट करें. गलत कंटेंट को प्लेटफॉर्म से हटाने की कोशिश करें.
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