नई दिल्ली। क्या आप भी गूगल के क्रोम ब्राउजर का उपयोग करते हैं? अगर हां, तो थोड़ा सतर्क हो जाएं। दरअसल, पिछले काफी समय से इस ब्राउजर पर सिक्योरिटी थ्रेट्स देखे जा रहे हैं। इतना ही नहीं, हाल ही में सरकार के अधीन काम करने वाली संस्था इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉट टीम (CERT-In) ने Chrome […]
नई दिल्ली। क्या आप भी गूगल के क्रोम ब्राउजर का उपयोग करते हैं? अगर हां, तो थोड़ा सतर्क हो जाएं। दरअसल, पिछले काफी समय से इस ब्राउजर पर सिक्योरिटी थ्रेट्स देखे जा रहे हैं। इतना ही नहीं, हाल ही में सरकार के अधीन काम करने वाली संस्था इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉट टीम (CERT-In) ने Chrome यूजर्स के लिए एक सिक्योरिटी अलर्ट जारी किया गया है।
दरअसल, CERT-In का कहना है कि गूगल क्रोम में बहुत से थ्रेट्स दिखाई दिए हैं। जिसके कारण, यूजर्स की सिक्योरिटी में बाधा उत्पन्न हो सकती है। इसका इस्तेमाल हैकर्स डेनियल-ऑफ-सर्विस अटैक (DOS) की स्थिति पैदा करने के लिए कर सकते हैं। दरअसल, डॉस उस स्थिति को कहते हैं जब हैकर्स, यूजर्स की पर्सनल जानकारी या कंप्यूटर सिस्टम में सेंधमारी का प्रयास करते हैं।
बता दें कि सरकारी एजेंसी द्वारा ये भी स्पष्ट रूप से बताया गया है कि किन यूजर्स को इस सिक्योरिटी अलर्ट को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इसके अनुसार, विंडोज और मैक के 122.0.6261.111/.112 यूजर्स को सावधान रहना चाहिए। साथ ही 122.0.6261.111 लिनक्स यूजर्स को भी इसका ख्याल रखना चाहिए।
इन लिमिटेशन्स की वजह से हैकर्स को टारगेट सिस्टम पर DoS स्थिति पैदा करने की परमिशन मिलती है। ऐसे में नए सिक्योरिटी थ्रेट्स का शिकार होने से बचने के लिए आप अपने विंडोज PC पर क्रोम ब्राउजर के लेटेस्ट वर्जन में अपडेट कर लें। लेकिन ध्यान रखें कि ये अपडेट वही हो जो पहले क्रोम टीम द्वारा जारी किया जा चुका हो।