एपल के को-फाउंडर स्टीव जॉब्स की पत्नी और दुनिया की सबसे धनी महिलाओं में शुमार लॉरेन पॉवल जॉब्स प्रयागराज में महाकुंभ में आने वाली है। दिवंगत पति स्टीव की तरह ही लॉरेन भी हिंदू और बौद्ध धर्म से खास विश्वास रखती है। जानकारी के मुताबिक 61 साल की लॉरेन 13 जनवरी को महाकुंभ पहुंचेगी और 29 जनवरी तक यहीं रहेंगी।
नई दिल्ली: एपल के को-फाउंडर स्टीव जॉब्स की पत्नी और दुनिया की सबसे धनी महिलाओं में शुमार लॉरेन पॉवल जॉब्स प्रयागराज में महाकुंभ में आने वाली है। जानकारी के मुताबिक अरबपति कारोबारी लॉरेन 17 दिनों तक यूपी में ही रहेगी और कल्पवास में साधुओं की तरह ही सादगी और शांति का जीवन बिताएंगी।
दिवंगत पति स्टीव की तरह ही लॉरेन भी हिंदू और बौद्ध धर्म से खास विश्वास रखती है। Apple के सह संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी, एमर्सन कलेक्टिव की संस्थापक और अध्यक्ष लॉरेन पॉवल भी अपने पति की तरह धर्म के रास्ते पर चल पड़ी है। वह महाकुंभ में स्नान करेंगी तो बिलकुल नियमों के मुताबिक ही करेंगी, जैसे किबाकी साध्वी करती है। वह 17 दिनों तक निरंजनी अखाड़े के साथ ही रुकेंगी। इस महाकुंभ में आने वाली वीवीआईपी बिजनेस वुमेन हैं।
जानकारी के मुताबिक 61 साल की लॉरेन 13 जनवरी को महाकुंभ पहुंचेगी और 29 जनवरी तक यहीं रहेंगी। जुलाई 2020 तक लॉरेन पॉवेल और उनका परिवार फोर्ब्स की दुनिया के अरबपतियों की सूची में 59वें स्थान था। रिपोर्ट के मुताबिक वह दुनिया की सबसे प्रभावशाली महिलाओं की लिस्ट में शामिल है। स्टीव जॉब्स का भी हिंदू और बौद्ध आध्यात्मिक परंपराओं के साथ गहरा लगाव है। वह हमेशा अपने साथ नीम करौली बाबा की तस्वीर और परमहंस योगानंद द्वारा लिखित ‘योगी की आत्मकथा’ हमेशा रखते है।
लॉरेन की शादी बौद्ध रीति-रिवाज के साथ संपन्न कराई हुई थी। ‘कल्पवास’ शब्द संस्कृत से उत्पन्न हुआ है, जहां ‘कल्प’ का अर्थ है ब्रह्मांडीय युग और ‘वास’ का अर्थ है- प्रवास या वास करना। महाकुम्भ मेला के संदर्भ में, कल्पवास एक पवित्र स्थान है, जो गहन आध्यात्मिक अनुशासन और उच्च चेतना की खोज में समर्पित है।
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