टेक कंपनी एप्पल के खिलाफ एक बार फिर मुकदमा दर्ज किया गया है. मुकदमे में भकता, जो साल 2020 से एप्पल के डिजिटल विज्ञापन विभाग में कार्यरत हैं, उसने दावा किया कि कंपनी कर्मचारियों के निजी उपकरणों पर सॉफ़्टवेयर इंस्टॉल करने को बाध्य करती है।
नई दिल्ली: टेक कंपनी एप्पल के खिलाफ एक बार फिर मुकदमा दर्ज किया गया है. बता दें मुकदमे में कर्मचारियों की निजी जानकारी की निगरानी और कार्यस्थल पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को सीमित करने के आरोप लगाए गए हैं। यह मुकदमा कैलिफोर्निया की अदालत में एप्पल के कर्मचारी अमर भकता ने दर्ज कराया है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भकता ने आरोप लगाया है कि एप्पल की नीतियां कर्मचारियों के अधिकारों का उल्लंघन करती हैं।
मुकदमे में भकता, जो साल 2020 से एप्पल के डिजिटल विज्ञापन विभाग में कार्यरत हैं, उसने दावा किया कि कंपनी कर्मचारियों के निजी उपकरणों पर सॉफ़्टवेयर इंस्टॉल करने को बाध्य करती है। यह सॉफ़्टवेयर ईमेल, तस्वीरें, स्वास्थ्य डेटा और स्मार्ट होम सेटअप जैसी निजी जानकारी तक पहुंच प्रदान करता है। इसके अलावा, भकता ने कहा कि एप्पल की प्राइवेसी पॉलिसी कर्मचारियों को कार्यस्थल की स्थितियों, वेतन असमानता और भेदभाव जैसे मुद्दों पर खुलकर चर्चा करने से रोकती हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें अपने काम के बारे में पॉडकास्ट में बात करने से मना किया गया और अपने लिंक्डइन प्रोफाइल से नौकरी की जानकारी हटाने का निर्देश दिया गया।
एप्पल ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया है। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि कर्मचारियों को कार्यस्थल पर अपने अधिकारों के बारे में नियमित रूप से जागरूक किया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी अपने ग्राहकों के डेटा और सर्च की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। बता दें इससे पहले एप्पल पर लैंगिक वेतन असमानता और भेदभाव को लेकर भी आरोप लग चुके हैं। वहीं इस मुकदमे ने एक बार फिर कंपनी की श्रम नीतियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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