लखनऊ: बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के इनोवेशन सेंटर में साइकोलॉजिस्ट एसेसमेंट ऐप बनाया जा रहा है, जो आत्महत्या का विचार हावी होते ही सगे संबंधियों को अलर्ट मैसेज भेजगा। इसके लिए डीएसटी (डिपार्टमेंट ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी) ने 5 करोड़ रुपए दिए हैं। पढ़ाई का तनाव, परीक्षा में असफलता अथवा अन्य तनाव की वजह से आए दिन […]
लखनऊ: बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के इनोवेशन सेंटर में साइकोलॉजिस्ट एसेसमेंट ऐप बनाया जा रहा है, जो आत्महत्या का विचार हावी होते ही सगे संबंधियों को अलर्ट मैसेज भेजगा। इसके लिए डीएसटी (डिपार्टमेंट ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी) ने 5 करोड़ रुपए दिए हैं।
पढ़ाई का तनाव, परीक्षा में असफलता अथवा अन्य तनाव की वजह से आए दिन लोग आत्महत्या कर रहे हैं. तमाम प्रयासों के बावजूद आत्महत्या के आकड़ों में वृद्धि हो रही है. आत्महत्या रोकने की दिशा में डीएसटी ने अलग-अलग संस्थाओं से रिसर्च करवाना शुरू कर दिया है. इसके तहत उत्तर प्रदेश के एकमात्र बुंदेलखंड विवि को 5 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट मिला है. इनोवेशन सेंटर के को-ऑर्डिनेटर लवकुश द्विवेदी ने बताया है कि मोबाइल ऐप और सेंसर युक्त कलाई बैंड बनाने का शोध तेजी से किया जा रहा है।
लवकुश द्विवेदी ने बताया कि सेंसर युक्त कलाई बैंड को ऐप से जोड़ा जाएगा। बैंड के माध्यम से मिलने वाले तनाव के संकेत एप तक पहुचाएंगे, जैसे ही किसी ने मन में आत्महत्या का विचार आएगा वैसे ही ऐप सक्रिय हो जाएगा। तनाव और आत्महत्या के विचार का ग्राफ 50 की फीसदी पहुंचने पर मोबाइल में सुरक्षित सगे संबंधियों के नंबर पर अलर्ट भेजेगा। मैसेज में लिखा होगा कि व्यक्ति आत्महत्या करने के रास्ते पर चल रहा है या आत्मघाती कदम उठा सकता है. यही नहीं जैसे-जैसे आत्महत्या के विचार का ग्रेड बढ़ेगा वैसे-वैसे मैसेज सगे संबंधियों तक पहुंचाने की रफ्तार बढ़ेगी। तनाव का ग्राफ 90 तक पहुंचने पर हर घंटे मैसेज पहुंचेगा ताकि परिजन और शुभचिंतक उसे आत्महत्या से बचा सके डॉक्टर लव कुश द्विवेदी ने बताया कि अब तक की रिसर्च में काफी सफलता मिली है।
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