नई दिल्ली: सरकार देश के आर्थिक चैनलों में मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण से निपटने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और मशीन लॉन्ड्रिंग का उपयोग करने के लिए तैयार है. बता दें कि ऐसी गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए, फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (FIU) ने एक उन्नत आईटी सिस्टम वर्जन 2.0 लॉन्च किया है जो […]
नई दिल्ली: सरकार देश के आर्थिक चैनलों में मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण से निपटने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और मशीन लॉन्ड्रिंग का उपयोग करने के लिए तैयार है. बता दें कि ऐसी गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए, फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (FIU) ने एक उन्नत आईटी सिस्टम वर्जन 2.0 लॉन्च किया है जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग का उपयोग करता है.
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बता दें कि वित्त वर्ष 2022-23 की रिपोर्ट में कहा गया है कि फिनटेक 2.0 के द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी फंडिंग पर शिकंजा कसने में काफी मदद मिलेगी. ये बेहतर विश्लेषणात्मक क्षमताओं, डाटा गुणवत्ता में सुधार, व्यापक अनुपालन निगरानी और अत्याधुनिक सुरक्षा उपकरणों के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों से लैस है. हालांकि इसकी मदद से तत्काल कार्रवाई के लिए उच्च जोखिम वाले मामलों, संस्थाओं या रिपोर्टों की आसानी से पहचान कर आतंकी फंडिंग जैसी गतिविधियों को रोका जा सकता है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आरोपियों की रिमांड जारी रखते हुए, अदालतों को उचित समय के भीतर सुनवाई पूरी करने की भी आवश्यकता होगी, जिससे संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत प्रदत्त त्वरित सुनवाई के अधिकार की गारंटी दी जा सके. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आरोपी तरुण कुमार को प्रारंभिक जांच पर ये साबित करना होगा कि वो कथित अपराध का दोषी नहीं है और जमानत पर रहते हुए उसके कोई अपराध करने की संभावना नहीं है.
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