सावधान: खुद से बतियाने लगे दो बॉट तो फेसबुक ने रोका आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर काम

कभी-कभी ऐसा लगता है कि मशीनें इंसानों के लिए वरदान हैं. मगर वही मशीनें जब इंसानी सोच पर हावी होने लगती हैं तो वो काफी खतरनाक साबित हो सकती हैं. मशीनी सोच यानी कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जब खुद फैसला लेने लगे और इंसान के कमांड से बाहर होने लगे तो समझिये इंसानी जिंदगी में ये खतरे के सिवा और कुछ नहीं हैं.

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सावधान: खुद से बतियाने लगे दो बॉट तो फेसबुक ने रोका आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर काम

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  • July 31, 2017 1:31 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली. कभी-कभी ऐसा लगता है कि मशीनें इंसानों के लिए वरदान हैं. मगर वही मशीनें जब इंसानी सोच पर हावी होने लगती हैं तो वो काफी खतरनाक साबित हो सकती हैं. मशीनी सोच यानी कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जब खुद फैसला लेने लगे और इंसान के कमांड से बाहर होने लगे तो समझिये इंसानी जिंदगी में ये खतरे के सिवा और कुछ नहीं हैं. 
 
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर बहस इसलिए भी छिड़ी हुई है क्योंकि फेसबुक ने जिन कारणों से अपने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम को बंद किया है, वो काफी हैरान करने वाला है. दरअसल, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम में ऑपरेटर से आगे भागने खतरा पाया गया है. मतलब कि अगर कंप्यूटर ऑपरेटर के नियंत्रण से बाहर हो जाएगा तो स्थिति काफी भयावह हो सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि आज के समय में फैक्टी से लेकर ट्रांसपोर्ट और तमाम तरह के बिजनसे सिस्टम पर ही चलते हैं. 
 
हाल ही में खबर आई है कि मार्क जुकरबर्ग ने फेसबुक के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम को ही हटा दिया है. कारण कि फेसबुक जिन दो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बॉट का इस्तेमाल कर रहा था, उसने अपनी एक अलग भाषा विकसित कर ली थी और वह इसके लिए गढ़े कोड से अलग भाषा में बातियाने लगे चेय. ये भाषा ऐसी थी, जिसे समझना रिसर्चर्स के लिए भी मुश्किल था. इस स्थिति में शोधकर्ता नियंत्रण रखने में सक्षम नहीं हो पा रहे थे. जिसके कारण फेसबुक ने इस सिस्टम को बंद कर दिया है. 
 
 
बताया जा रहा है कि इस सिस्टम के तहत जो बॉट काम कर रहे थे, वे उनके बाचतीत के लिए अंग्रेजी भाषा में कोड गढ़े गये थे. मगर बाद में शोधकर्ताओं ने पाया कि Bob और Alice नाम के दो एआई बॉट अंग्रेजी भाषा की बजाए अपनी एक अलग भाषा में ही आपस में बात कर रहे थे. इस भाषा को समझने के लिए शोधकर्ताओं ने काफी मेहनत की मगर सफलता हाथ नहीं लगी. नतीजा इसे हटाना पड़ा. हालांकि, शोधकर्ताओं ने पहले से कोड गिये गये भाषा में बात करने का दवाब भी बनाया, मगर नतीजा विफल रहा.
 
बता दें कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को भविष्य की जरूरत मानने पर काफी मतभेद देखने को मिल रहे हैं. पिछले दिनों आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर जुकरबर्ग और एलॉन मस्क के बीच काफी गहमागहमी देखने को मिली. एक तरफ मार्क जुकरबर्ग एआई तकनीक को सही मानते हैं तो वहीं एलॉन मस्क इसे खतरनाक मानते हैं. 
 
 
इससे पहले मस्क ने यूएस नेशनल गवर्नर्स एसोसियेशन की बैठक में जब चेताया था कि एआई पर देरी हो जाए, इससे पहले कड़े रेगुलेशन बनाना चाहिए. इसके बाद फेसबुक के संस्थापक जुकरबर्ग ने मस्क की चेतवानी को गैरजिम्मेदाराना बयान बताया था. हालांकि, जुकरबर्ग का जवाब देते हुए मस्क ने कहा था कि जकरबर्ग को एआई की समझ ठीक से नहीं है, उनकी समझ सीमित है.
 
बता दें कि इससे पहले अमरिका में सुरक्षा में तैनात एक रोबोट ने सुसाइड कर लिया था. सुसाइड की जो वजहें सामने आई थी वो हैरान करने वाली थी. ये पहली बार था जब हर तरह की तकनीक से लैस रोबोट ने सुसाइड की थी. हालांकि, इस घटना के बाद भी मशीनों को लेकर एक नई तरह की बहस छिड़ी. 
 

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