नई दिल्ली: सरकार ने साइबर सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक बड़ा कदम उठाया है. सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने मंगलवार को मालवेयर एनालिसिस सेंटर शूरू किया जो देश में कंप्यूटरों और मोबाइल फोन को मुफ्त एंटी-वायरस की सुविधा देगा. इस परियोजना के लिए सरकार अगले पांच साल में 90 करोड़ रुपए देगी.
केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने ‘बॉटनेट क्लिनिंग एंड मालवेयर एनालिसिस सेंटर’ शुरू करते हुए कहा कि मैं इंटरनेट सेवा प्रदाताओं से निवदेन करना चाहूंगा कि वह अपने ग्राहकों को इस सुविधा से जुड़ने के लिए प्रेरित करें. यह सरकारी की तरफ से दी गई एक मुफ्त सेवा है. ग्राहकों को इसका इस्तेमाल जरूर करना चाहिए.
मीडिया सूत्रों के मुताबिक साइबर स्वच्छता केंद्र के नाम से शुरू की गई इस सेवा के तहत देश में साइबर सुरक्षा की निगरानी करने वाली संस्था कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सर्ट-इन) वायरस से प्रभावित कंप्यूटर और मोबाइलों का डाटा इकट्टा करेगी और उन्हें इंटरनेट प्रोवाइडर्स तथा बैंकों के पास भेजेगी. यह इंटरनेट प्रोवाइडर्स और बैंक यूजर्स की पहचान करेंगे और उन्हें इस केंद्र का एक लिंक मुहैया कराएंगे, जिसकी मदद से वो इस सेवा का लाभ उठा सकेंगे.
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इस लिंक के इस्तेमाल से कर्ता एंटी-वायरस को अपने वायरस प्रभावित उपकरण को सही करने के लिए डाउनलोड कर सकेगा. जानकारी के मुताबिक अभी इस सेवा का उपयोग 58 इंटरनेट सेवा प्रदाता और 13 बैंक कर रहे हैं. इसके साथ ही जून तक राष्ट्रीय साइबर सहयोग केंद्र स्थापित करने का निर्देश दिया गया है.
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