नई दिल्ली: आपको ब्लैकबेरी स्मार्टफोन का क्वर्टी की-पैड चाहे कितना भी पसंद हो या फिर व्हाट्सऐप के आने के काफी टाइम पहले से ही बीबीएम का इस्तेमाल कर चुके हों लेकिन सच यही है कि आज के समय में स्मार्टफोन के बाज़ार में ब्लैकबेरी का नामो निशान गायब हो चुका है. जानकारी के मुताबिक इस कनाडाई कंपनी की खुद के ओएस वाले फोन्स की हिस्सेदारी शून्य के स्तर पर पहुंच गई है.
यह अपने आप में एक बहुत बड़ी बात है क्योंकि कुछ ही समय पहले तक मार्केट में स्मार्टफोन का जब भी नाम आता था ब्लैकबेरी उसमें सबसे टॉप पर था. वहीं अब एंड्राइड ओएस वाले स्मार्टफोन का ग्लोबल मार्केट में हिस्सा लगभग 82 फीसदी के स्तर पर पहुंच गया है. रिसर्च फर्म गार्टनर की नई रिपोर्ट में ऐसे कई तथ्य सामने आए हैं. इस रिपोर्ट में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि दिसंबर में स्मार्टफोन बिक्री के मामले में सैमसंग को पछाड़कर नंबर वन बनने वाली एप्पल के ऑपरेटिंग सिस्टम आइओएस की हिस्सेदारी 17.9 फीसदी तक पहुंच गई है.
इस रिपोर्ट के मुताबिक 2016 की चौथी तिमाही में दुनिया भर में 4,320 लाख स्मार्टफोन की बिक्री हुई थी और इनमें से सिर्फ दो लाख सात हजार ही स्मार्टफोन ऐसे थे, जो ब्लैकबेरी के ऑपरेटिंग सिस्टम पर आधारित थे. प्रतिशत के नज़रिए से देखें तो यह आंकड़ा कुल स्मार्टफोन बाजार का 0.0481 फीसदी ही है. इससे साफ़ होता है कि बाज़ार से ब्लैकबेरी का नाम अब लगभग गायब हो चुका है. ऐसा भी नहीं है कि यह हालत सिर्फ ब्लैकबेरी की है. इस कड़ी में ब्लैकबेरी के बाद दूसरा नाम विंडोज स्मार्टफोन का आता है. रिपोर्ट में पता चला है कि एंड्राइड फोन्स की बाजार में हिस्सेदारी 81.7 फीसदी है. इसके बाद आईओएस वाले फोन्स की बारी आती है.
आपको बता दें कि बुरी तरह फ्लॉप होने के बाद ब्लैकबेरी ने एंड्रायड स्मार्टफोन के साथ मार्केट मं वापसी भी की थी लेकिन गूगल का एंड्रायड ऑपरेटिंग सिस्टम भी कंपनी को नहीं बचा पाया. ऐसे में अब भविष्य में ब्लैकबैरी का नाम शायद ही आपको याद आए.