नई दिल्ली : Zscaler आईटी सिक्योरिटी कंपनी के रिसर्चर्स ने दावा किया है कि गूगल प्ले-स्टोर पर इंस्टाग्राम, फेसबुक, वॉट्सऐप, यूट्यूब डाउनलोडर जैसी कई फेंक ऐप की भरमार हैं. ऐसे में ऐप डाउनलोड करने से पहले आपको बेहद ही सावधान रहने की जरूरत है.
रिसर्चर के मुताबिक एंड्रॉयड डिवाइस को निशान बनाना साइबर क्रिमिनल्स के लिए बेहद ही आसान है. क्रिमिनल्स ने प्ले-स्टोर पर कई फेंक ऐप डाले हैं. इनमें ऐप में साइनोट रैट (रिमोट एक्सेस टॉरजन है). टॉरजन फोन का कंट्रोल थर्ड पार्टी को दे देता है.
प्ले-स्टोर पर जिन फर्जी एंड्रॉयड ऐप्स की पहचान की गई है उनमें नेटफ्लिक्स, वॉट्सऐप, यूट्यूब, वीडियो डाउनलोडर, गूगल अपडेट, इंटाग्राम, हैक वाई-फाई, एयरड्रॉयड, वाई-फाई हैकर, फेसबुक, फोटोशॉप, स्काई टीवी, हॉट-स्टार, ट्रंप डैश और पोकेमन गो.
इन फर्जी ऐप को जैसे ही आप ही ओपन करते हैं तो ये ऐप खुद से एक नई ब्लैंक विंडो खोलते हैं. यूजर्स को लगता है कि उसने विंडो को क्लोज कर दिया है लेकिन ये बैकग्राउंड में चलते रहते हैं. ऐसे ऐप कुछ और ऐप को भी आपकी जानकारी के बिना फोन में इंस्टॉल करा देते हैं.
कैसे बचें ?
मालवेयर और साइनोट जैसे वायरस वाले ऐप से बचने के लिए सबसे पहले आप थर्ड पार्टी ऐप इंस्टॉल करना छोड़ दें. साथ ही प्ले-स्टोर से ऐप डाउनलोड करें. यदि प्ले-स्टोर पर डाउनलोड करने पर ऐप आपको ब्राउजर में ले जाता है तो तुरंत डाउनलोडिंग बंद कर दें और किसी के द्वारा भेजे गए लिंक से ऐप डाउनलोड ना करें.