नई दिल्ली: 30 दिसम्बर को भारत सरकार की ओर से कैशलेस इकॉनमी को बढ़ावा देने के लिए भारत इंटरफेस फॉर मनी (BHIM)ऐप लॉन्च की गयी थी. इसके बाद बहुत कम समय में ये टॉप डाउनलोड एप्स में नम्बर एक पर भी आ गयी. हालंकि तभी से ये ऐप हैकर्स और बदमाशों की नज़र में भी चढ़ गयी है. इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गूगल प्ले स्टोर पर भीम ऐप के 60 से ज्यादा नकली वर्जन मौजूद है.
ऐसे में ये बताने की जरुरत नहीं है कि नकली भीम ऐप को डाउनलोड करने पर आपको किस तरह का नुक्सान हो सकता है. अब यहां ये जानना जरुरी हो जाता है कि एक असली और नकली भीम ऐप की पहचान कैसे की जाए. इसे पहचानने के लिए पहले ये जान लें कि भीम के नकली वर्जन में मोदी भीम, भीम यूपीआई बैंक नो इंटरनेट नाम के ऐप प्रमुख हैं.
सही भीम ऐप डाउनलोड करने के लिए सबसे जरुरी है कि आप इसे आधिकारिक गूगल प्ले स्टोर से ही डाउनलोड करें. इसके अलावा इसे पहचानने का सही तरीका है कि आप ऐसी किसी ऐप को डाउनलोड ना करें जहां आपको नेशनल पेमेंट्स कार्पोरेशन ऑप इंडिया का सर्टिफिकेट ना दिखे. बता दें कि इसे एनपीसीआई ने ही बनाया है. मोदी सरकार ने यह ऐप कैशलेस या लेस-कैश इकॉनमी को बढ़ावा देने के लिए शुरू की है.
यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस यानि कि यूपीआई पर आधारित इस ऐप की खासियत है कि, ये सभी बैंकों के लिए कॉमन है. इसका मतलब है कि इस ऐप का इस्तेमाल करने के लिए मोबाइल बैंकिंग की जरूरत नहीं है. इसके लिए सिर्फ आपका मोबाइल नंबर बैंक खाते से लिंक होना चाहिए.