प्रधानमंत्री के 500 और 1000 के नोट को बंद किये जाने के फैसले के बाद हर कोई अपनी-अपनी तरह से प्रतिक्रिया दे रह है. यही हाल नेताओं का भी है. जहां सरकार के इस फैसले को कई नेता सही मान रहे हैं तो कई ने इस पर सवाल भी उठाये हैं.
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री के 500 और 1000 के नोट को बंद किये जाने के फैसले के बाद हर कोई अपनी-अपनी तरह से प्रतिक्रिया दे रह है. यही हाल नेताओं का भी है. जहां सरकार के इस फैसले को कई नेता सही मान रहे हैं तो कई ने इस पर सवाल भी उठाये हैं.
सवाल उठाने वाले नेताओं में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का नाम भी शामिल है. दरअसल प्रधानमंत्री मोदी की घोषणा के अगले दिन कई अख़बारों के पहले पन्ने पर छपे पेटीएम के विज्ञापन में केजरीवाल ने सवाल उठाते हुए ट्वीट किया था. उन्होंने पेटीएम के विज्ञापन पर सवाल उठाया था और पूछा था कि क्या पेटीएम को इसके बारे में पहले से जानकारी थी?
Paytm biggest beneficiary of PM’s announcement. Next day PM appears in its ads. Whats the deal, Mr PM? https://t.co/lfP0PrQICQ
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 10, 2016
उन्होंने अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल करते हुए लिखा था कि ‘पीएम जी डील क्या है?’ बता दें कि प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद से पेटीएम की लोकप्रियता में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. इस ट्वीट के बाद केजरीवाल के विरोध में लोग विरोध करने लगे.
Dear Sir, The biggest beneficiary is our country. We are just a tech startup, trying to solve financial inclusion & make India proud. https://t.co/3rI8r6W0EZ
— Vijay Shekhar (@vijayshekhar) November 10, 2016
हालांकि पेटीएम के प्रमुख विजय शेखर भी बेहद शालीनता से अपना जवाब दे गए. उन्होंने केजरीवाल के ट्वीट के जवाब में लिखा कि ‘सर इसका फायदा देश को है. हम सिर्फ एक छोटा सा टेक स्टार्टअप हैं. हम सिर्फ फाइनेंसियल इंकलूजन रोकने की कोशिश कर रहे हैं.’