Uttar Pradesh : यूपी में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच योगी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. इस कड़ी में नए सत्र 2022 – 2023 में भी राज्य के सभी बोर्डों के प्राइवेट स्कूलों में फीस नहीं बढ़ाने के आदेश दिए गए हैं. वहीं राज्य के माध्यमिक शिक्षा विभाग ने Secondary Education Department इस आदेश के पीछे की वजह कोरोना के बढ़ते कारणों को बताया है. गौरतलब है कि अब निजी स्कूल सत्र 2019-2020 के तय फीस स्ट्रक्चर के आधार पर ही फीस वसूल सकेगे.
योगी सरकार के इस फैसले से एक तरफ जहां अभिभावकों के चेहरे पर खुशी की लहर है तो वहीं दूसरी तरफ अध्यापकों ने सरकार के इस फैसले पर आपत्ति जताई है. और उदाहरण देते हुए कहा कि राज्य सरकार लगातार सरकारी कर्मचारियों के डीए बढ़ा रही है. साथ ही अन्य सहूलियतें भी दे रही है. लेकिन निजी स्कूलों के अध्यापकों की पिछले दो सालों से वेतन में वृद्धि नहीं हुई है.
योगी सरकार की तरफ से प्राइवेट स्कूलों को फीस न बढ़ाने के लिये दिए गए आदेश अलावा भी कहा गया है. कि यदि कोई स्कूली संस्थान इसके बावजूद भी फीस बढ़ाता है तो उसके खिलाफ अभिभावक फीस निर्धारण अधिनियम 2018 की धारा-8 ए के तहत मामला पंजीकृत करा सकते हैं. अभिवावकों की सुविधा के लिये विभाग ने जिला शुल्क निर्धारण नियामक समिति का गठन भी किया है. साथ ही जिला विद्दयालय निरीक्षकों को निर्देश भी दिए गए हैं कि किसी भी संस्थान के मनमानी करने पर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
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