अमेरिकी वायु सेना के बॉम्बर ने इजरायल के साथ मिलकर सीरिया के सैन्य ठिकानों और केमिकल हथियारों की फैक्ट्री पर एयर स्ट्राइक करके उन्हें तबाह कर रहा है।
नई दिल्ली: सीरिया में राष्ट्रपति बशर अस असद को सत्ता से बेदखल कर 13 साल से चल रहा गृहयुद्ध अपने मकाम तक पहुंच चुका है। राष्ट्रपति बशर अल असद देश छोड़कर रूस जा चुके हैं। राजधानी दमिश्क पर विद्रोही गुट हयात तहरीर अल-शाम (HTS) ने कब्जा कर लिया है। क्योंकि सीरिया के तख्तापलट का असर अमेरिका- रूस और मिडिल ईस्ट के देश पर प्रभाव डालेगा इसलिए पूरी दुनिया की नजर इस वक्त सीरिया पर है। वहीं, अमेरिका ने इजरायल के साथ मिलकर सीरिया के सैन्य ठिकानों।पर हमला करना शुरू कर दिया है।
अमेरिका और इजराइल दोनों को डर था कि सीरिया के ये हथियार विद्रोहियों के हाथ लग सकते हैं। इसलिए अमेरिकी वायु सेना के बॉम्बर ने इजरायल के साथ मिलकर सीरिया के सैन्य ठिकानों और केमिकल हथियारों की फैक्ट्री पर एयर स्ट्राइक करके उन्हें तबाह कर रहा है।
दूसरी तरफ इजराइली सेना भी जमीन के रास्ते सीरिया की सीमा में घुस गई। इजराइली सेना ने गोलान हाइट्स के पास सीरियाई सीमा के 10 किलोमीटर के अंदर की जमीन पर कब्जा कर लिया है और उसे बफर जोन में बदल दिया है। इजराइल ने इस कदम के पीछे अपने नागरिकों की सुरक्षा का हवाला दिया है। उसने कहा कि यह कदम थोड़े समय के लिए ही है।
बशर अल-असद के देश छोड़ने के बाद इजराइली वायुसेना ने सीरिया में घुसकर कई सैन्य ठिकानों पर हमला किया। इजराइली सैन्य सूत्रों ने बताया कि यह हमला काफी भीषण था। रविवार को इजराइली सेना ने इजराइल-सीरिया सीमा पर गोलान हाइट्स के अंदर बफर जोन बना लिया है। सीरिया में असद शासन खत्म होने के साथ ही सीरिया में ईरान का प्रभाव भी खत्म हो गया है, जिससे इजराइल को बड़ा मौका मिल गया है। अब ईरान सीरिया के रास्ते लेबनान में हिजबुल्लाह को हथियार नहीं भेज पाएगा।
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