भोपाल के सबसे बड़े कब्रिस्तान “बड़ा बाग” में नहीं है शव दफनाने की जगह

भोपाल: भोपाल के सबसे बड़े कब्रिस्तान बड़ा बाग में लोगों के मरने के बाद दफनाने के लिए जगह नहीं मिलेगी। ये बात सुनने में तो अजीब लग रही होगी लेकिन कब्रिस्तान कमेटी के लोगों का यही कहना है। दरअसल, इस कब्रिस्तान में अधिकतर पक्की कब्र बना दी गई है। पक्की कब्र का अर्थ है कि […]

Advertisement
भोपाल के सबसे बड़े कब्रिस्तान “बड़ा बाग” में नहीं है शव दफनाने की जगह

Ayushi Dhyani

  • February 11, 2023 5:24 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

भोपाल: भोपाल के सबसे बड़े कब्रिस्तान बड़ा बाग में लोगों के मरने के बाद दफनाने के लिए जगह नहीं मिलेगी। ये बात सुनने में तो अजीब लग रही होगी लेकिन कब्रिस्तान कमेटी के लोगों का यही कहना है। दरअसल, इस कब्रिस्तान में अधिकतर पक्की कब्र बना दी गई है। पक्की कब्र का अर्थ है कि सीमेंट या फर्श से कब्र बना दी गई हो। जिसके चलते लाशों को दफनाना मुश्किल हो गया है। ऐसे में किसी लाश को दफनाने के लिए पक्की कब्र को तोडकर खोदना पड़ता है। अब जब इन कब्रों को तोडा जाता है तो परिवारवाले कब्रिस्तान कमेटी के कर्मचारियों के साथ मारपीट करने लगते हैं।

इस्लाम में पक्की कब्र बनाना उचित है?

अब आपके दिमाग में ये सवाल आ रहा होगा की क्या इस्लाम में पक्की कब्र बनाना उचित है? इसे लेकर मुस्लिम समुदाय के ही वरिष्ठ लोगों का कहना है इस्लाम में कभी भी ये नहीं कहा गया की पक्की कब्र बनाई जानी चाहिए। बल्कि कच्ची कब्र में ही दफनाने की बात कही गई है। अगर ऐसा रहा तो हमारे मरने के बाद हमें दफनाने कि भी जगह नहीं होगी। सरकार से विनती है कि ऐसा कोई आदेश जारी करें, जिसमें इन पक्की कब्रों पर मिट्टी डाली जाए।ताकि यहां लाशों को दफनाने के लिए जगह मिलें।

18 एकड़ में बना है कब्रिस्तान

कब्रिस्तान कमेटी के अनुसार भोपाल का बड़ा बाग कब्रिस्तान कुल 18 एकड़ में बना हुआ है।भोपाल का ये कब्रिस्तान सबसे पुराना है। भोपाल के ज्यादातर मुस्लिम लोग शव को दफनाने के लिए इसी कब्रिस्तान में आते हैं। इसलिए यहां पर दफनाने की जगह कम होती जा रही है। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने प्रशासन को इस समस्या के बारे में बताया ताकि समय रहते यहां पर बॉडी दफनाने का कोई बेहतर इंतजाम किया जा सके।

बता दें कि मुस्लिम धर्म के अनुसार किसी के निधन के बाद उसे दफनाया जाता है। इसी के चलते मुस्लिम लोग शव को हिंदू धर्म की तरह जलाते नहीं है बल्कि दफनाते हैं।भोपाल के बड़ा कब्रिस्तान में दफनाने की जगह न बचना बाकी कब्रिस्तान के लिए चिंता का विषय है।

 

दिल्ली का अगला मेयर, गुजरात चुनाव और फ्री रेवड़ी, मनीष सिसोदिया ने बताए सारे राज!

India News Manch पर बोले मनोज तिवारी ‘रिंकिया के पापा’ पर डांस करना सबका अधिकार

Advertisement