संजीव खन्ना आज बनेंगे देश के नए मुख्य न्यायाधीश, इन अहम फैसलों का रहे हिस्सा

नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज यानी सोमवार (11 नवंबर) को जस्टिस संजीव खन्ना को भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाएंगी. शपथ ग्रहण समारोह राष्ट्रपति भवन में सुबह 10 बजे शुरू होगा. न्यायमूर्ति स्पष्टीकरण, न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ का रिप्लेसमेंट और मुख्य न्यायाधीश की जिम्मेदारी. जस्टिस संजीव खन्ना देश के कई ऐतिहासिक […]

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संजीव खन्ना आज बनेंगे देश के नए मुख्य न्यायाधीश, इन अहम फैसलों का रहे हिस्सा

Aprajita Anand

  • November 11, 2024 9:45 am Asia/KolkataIST, Updated 1 week ago

नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज यानी सोमवार (11 नवंबर) को जस्टिस संजीव खन्ना को भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाएंगी. शपथ ग्रहण समारोह राष्ट्रपति भवन में सुबह 10 बजे शुरू होगा. न्यायमूर्ति स्पष्टीकरण, न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ का रिप्लेसमेंट और मुख्य न्यायाधीश की जिम्मेदारी. जस्टिस संजीव खन्ना देश के कई ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा रहे हैं. जस्टिस खन्ना चुनावी बांड योजना को खत्म करने और अनुच्छेद 370 को खत्म करने जैसे महत्वपूर्ण फैसलों का हिस्सा रहे हैं. साथ ही वह 13 मई 2025 तक इस पद पर कार्यरत रहेंगे.

जानें किन अहम फैसलों का रहे हिस्सा

संजीव खन्ना का कार्यकाल 13 मई 2025 तक रहेगा. जनवरी 2019 से सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में कार्यरत जस्टिस संजीव खन्ना ने कई बड़े मामलों की सुनवाई की है. जस्टिस खन्ना ईवीएम की विश्वसनीयता बनाए रखने, चुनावी बांड योजना को खत्म करने, धारा 370 हटाने और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने जैसे कई महत्वपूर्ण फैसलों का हिस्सा रहे हैं.

कौन है जस्टिस खन्ना?

दिल्ली के एक प्रतिष्ठित परिवार से ताल्लुक रखने वाले जस्टिस संजीव खन्ना तीसरी पीढ़ी के वकील हैं. जस्टिस खन्ना का जन्म 14 मई 1960 को दिल्ली स्थित एक परिवार में हुआ था. उनके पिता दिल्ली उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश जज देव राज खन्ना दिल्ली हाई कोर्ट में जज हैं. वह शीर्ष अदालत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश HR खन्ना के भतीजे भी हैं. उन्होंने Delhi University के कैंपस LAW सेंटर से पढ़ाई की. जस्टिस खन्ना का करियर 1983 में तीस हजारी कोर्ट में एक वकील के रूप में शुरू हुआ. 2004 में, वह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के स्थायी वकील (सिविल) बन गए. 2005 में, तदर्थ न्यायाधीश को फिर से दिल्ली HC में स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया. 2019 में सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में पदोन्नत हुए और 2024 में CJI बन गए.

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