राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखाओं में चौतरफा बढ़ोत्तरी, संघ ने जारी किए सालाना आंकड़े

संघ कार्यकर्ताओं ने उन स्थानों में भी बढ़ोत्तरी कर ली है जहां संघ का काम है और जहां शाखाएं लगती हैं. पिछले साल तक ये 36729 जगहों पर था, जो अब बढ़कर 37190 जगहों पर हो गया है. संघ की ये प्रतिनिधि सभा की तीन दिन मीटिंग चलेगी, जिसमें सबसे बड़ी खबर भैयाजी जोशी की जगह सरकार्यवाह के पद पर सह सर कार्यवाह दत्तात्रेय हॉसबोले के नाम का ऐलान होना सम्भावित है.

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखाओं में चौतरफा बढ़ोत्तरी, संघ ने जारी किए सालाना आंकड़े

Aanchal Pandey

  • March 9, 2018 6:33 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्ली. नागपुर में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ की सबसे बड़ी मीटिंग चल रही है. प्रतिनिधि सभा की इस मीटिंग में सालाना आंकड़े भी रखे जाते हैं कि संघ की सब तरह की शाखाओं में कितना बदलाव आया है, इनकी संख्या घटी हैं या बढ़ी हैं. मोदी राज आते ही संघ तेजी से बढ़ा था, हालांकि रफ्तार में थोड़ी कमी आई है, लेकिन जिस तरह तीनों तरह की शाखाओं में बढ़ोत्तरी दिख रही है, उससे पता चलता है कि लोगों के बीच संघ का क्रेज घटा नहीं है बल्कि बढ़ ही रहा है. ये भी पता चलता है कि संघ के अधिकारी तमाम जगह बीजेपी सरकार बनने के वाबजूद उनमें ना फंसकर अपने संगठन को बढ़ाने में जी जान से जुटे हुए हैं.

संघ में तीन तरह की शाखाएं आम तौर पर लगती हैं, एक वो शाखाएं जो रोज लगती हैं, कहीं कहीं सुबह और शाम दोनों वक्त भी लगती हैं. दूसरी वो शाखाएं होती हैं, जो सप्ताह में एक बार ही लगती हैं और तीसरी शाखाएं वो हैं, जहां लोग महीने में एक बार ही इकट्ठा हो पाते हैं. 2017 मार्च तक पूरे देश में 57165 शाखाएं लगती थीं, जो इस साल बढ़कर 58967 हो गई हैं. साप्ताहिक शाखाओं की संख्या भी पिछले साल के 14986 से बढ़कर 16405 हो गई हैं. महीने में एक बार लगने वाली मासिक शाखाओं की संख्या भी बढ़ी है, पिछले साल मार्च में ये संख्या थी 7594 जो अब बढ़कर हो चुकी हैं 7976. 

2011 में संघ की 39,908 थीं जो 7 साल के अंदर बढ़कर 58,967 हो गईं, यानी कुल 19,059 शाखाओं की वृद्धि तो केवल पिछले सात साल के अंदर ही हो गई है. परसेंटेज में देखें तो ये वृद्धि 47 फीसदी की है, यानी 1925 से 2011 तक 86 साल में संघ केवल 39,908 शाखाएं ही जोड़ पाया था, लेकिन पिछले सात साल में वो 19059 नई खड़ी कर चुका है. जिसमें सबसे ज्यादा वृद्धि तक हुई जब केन्द्र में मोदी ने सरकार बनाई, लोगों को मैसेज गया कि संघ का प्रचारक भारत के सबसे बड़े पद पर पहुंच गया. 2014 से 2015 के बीच 14.11 फीसदी की वृद्धि शाखाओं में हुई, 44,982 शाखाएं थीं, जो बढ़कर 51,330 हो गई. देखा जाएं तो 2012 से अब तक इस साल सबसे कम यानी केवल 1802 शाखाओं की ही बढोत्तरी हुई है.

केवल शाखाएं ही नहीं बढ़ीं संघ कार्यकर्ताओं ने उन स्थानों में भी बढ़ोत्तरी कर ली है जहां संघ का काम है और जहां शाखाएं लगती हैं. पिछले साल तक ये 36729 जगहों पर था, जो अब बढ़कर 37190 जगहों पर हो गया है. संघ की ये प्रतिनिधि सभा की तीन दिन मीटिंग चलेगी, जिसमें सबसे बड़ी खबर भैयाजी जोशी की जगह सरकार्यवाह के पद पर सह सर कार्यवाह दत्तात्रेय हॉसबोले के नाम का ऐलान होना सम्भावित है.

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