जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में गणतंत्र दिवस के दिन फिदायीन हमला करने के शक में हिरासत में ली गई पुणे की रहने वाली लड़की आतंकी नहीं है. एक मैसेज की वजह से उसे हिरासत में लिया गया था. हालांकि जम्मू कश्मीर पुलिस लड़की से पूछताछ में जानकारी मिली है कि उसका कट्टरपंथ की ओर रुझान है. उसे काउंसिलिंग की जरूरत है जिसके बाद उसे परिजनों को सौंप दिया जाएगा. बताते चलें कि साल 2015 में महाराष्ट्र एटीएस ने IS से संपर्क करने और उनसे संबंधों के शक में इस लड़की को हिरासत में लिया था. काउंसिलिंग कराने के बाद उसे उसके माता-पिता को सौंप दिया गया था.
श्रीनगरः गणतंत्र दिवस के दिन जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर से कथित फिदायीन हमलावर लड़की को हिरासत में लेने की खबर से हड़कंप मच गया था. यह लड़की पुणे की रहने वाली है. पुलिस पूछताछ में पता चला है कि वह किसी भी आतंकी संगठन के संपर्क में नहीं है, हालांकि कट्टरपंथी संगठनों की ओर उसका रुझान है. पुलिस का कहना है कि लड़की ने अपने दोस्त को एक मैसेज भेजा था जिसकी वजह से उसे हिरासत में लिया गया. लड़की को काउंसिलिंग की जरूरत है. पुलिस टीम उसकी काउंसिलिंग करवाएगी, जिसके बाद उसे उसके परिवार को सौंप दिया जाएगा.
बीते 23 जनवरी को जम्मू-कश्मीर पुलिस के जोनल हेडक्वार्टर से श्रीनगर पुलिस को एक ‘अर्जेंट’ नाम से इनपुट मिलता है. जिसके बारे में पता चलते ही श्रीनगर पुलिस के हाथ-पांव फूल जाते हैं. वह इनपुट यह था कि एक टीनेजर लड़की गणतंत्र दिवस के दिन फिदायीन हमला करने की तैयारी कर रही है. दरअसल इस इनपुट में जिस लड़की का जिक्र हो रहा था वह पुणे की रहने वाली है और वह पिछले कुछ साल से सिक्योरिटी एजेंसी के रडार पर थी. साल 2015 में इंटरनेट पर संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त होने की वजह से महाराष्ट्र एटीएस ने उसे हिरासत में भी लिया था. जिसके बाद उसकी काउंसिलिंग कराई गई और परिजनों को सौंप दिया गया.
श्रीनगर के एसपी ने बताया कि पिछले दो दिनों से पुलिस की कई टीमें उसकी तलाश में जुटी थीं. आखिरकार पुलिस को कामयाबी मिली और गणतंत्र दिवस से पहले उसे पकड़ लिया गया. कथित तौर पर लड़की पिछले साल ही 18 साल की हुई है. उससे पूछताछ की गई. शुरूआती पूछताछ में जो बात निकलकर सामने आई उससे जान पड़ता है कि यह सब एक गलतफहमी की वजह से हुआ है. दरअसल लड़की ने 20 जनवरी को अपने दोस्त को एक मैसेज भेजा, जिसमें लिखा था कि वो आत्मघाती हमला जैसा कुछ करने जा रही है. इस मैसेज का अलर्ट मिलते ही इंटेलिजेंस नेटवर्क हरकत में आया और जानकारी को अपने सभी विभागों से साझा किया गया.
ऐसा बताया जा रहा है कि लड़की पुणे से जम्मू-कश्मीर आई थी और बिजबेहरा में एक बतौर पेइंग गेस्ट रह रही थी. कथित तौर पर लड़की का कट्टरपंथ की ओर रुझान है. ऐसी खुफिया जानकारी मिली थी कि वह आतंकी संगठन आईएस में शामिल होना चाहती है. पुलिस अफसरों का कहना है कि लड़की के खिलाफ पुणे में भी कोई मामला दर्ज नहीं है, लिहाजा उसके खिलाफ कोई केस दर्ज नहीं किया गया है. जम्मू-कश्मीर पुलिस के आला अधिकारियों ने बताया कि लड़की को काउंसिलिंग की जरूरत है. उसकी काउंसिलिंग कराई जाएगी. जिसके बाद उसे परिजनों को सौंप दिया जाएगा.
दरअसल, यह जम्मू कश्मीर पुलिस द्वारा एक खुफिया सूचना को गलत ढंग से समझने का मामला भी जान पड़ता है. केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने उन्हें सूचना दी थी कि पुणे की एक लड़की, जिसे कई मौकों पर पुणे पुलिस के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने हिरासत में लिया है, अपना ठिकाना बदलकर घाटी में आ गई है और उसकी निगरानी किए जाने की जरूरत है. जिसके बाद पुलिस की ओर से यह मैसेज सर्कुलेट किया गया कि वह लड़की एक आत्मघाती हमलावर है और गणतंत्र दिवस के मौके पर फिदायीन हमला कर सकती है.
इस संबंध में 23 जनवरी को अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मुनीर खान के हस्ताक्षर वाले जारी किए गए एक नोट में कहा गया कि इस बात की पुख्ता सूचना है कि 18 साल की एक गैर कश्मीरी लड़की कश्मीर में गणतंत्र दिवस समारोह या उसके आसपास आत्मघाती हमला कर सकती है. इनपुट के बाद पुलिस हरकत में आई और गुरुवार रात लड़की का पता लगाते हुए उसे हिरासत में ले लिया गया. जब इस बारे में लड़की की मां से बात की गई तो उन्होंने पुलिस के इस दावे को खारिज कर दिया. उन्होंने अपनी बेटी से बात करने के बाद ही बयान देने की बात कही.
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