Advertisement
  • होम
  • देश-प्रदेश
  • Pranab Mukherjee Concerns for India: प्रणब मुखर्जी बोले- मुश्किल दौर से गुजर रहा भारत, देश में बढ़ रही असहिष्णुता

Pranab Mukherjee Concerns for India: प्रणब मुखर्जी बोले- मुश्किल दौर से गुजर रहा भारत, देश में बढ़ रही असहिष्णुता

Pranab Mukherjee Concerns for India: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने एक समारोह में कहा कि देश में असहिष्णुता बढ़ रही है और लोकतांत्रिक संस्थाएं दबाव में काम कर रही हैं. उन्होंने कहा कि जिस धरती ने दुनिया को वसुधैव कुुटुम्बकम का मंत्र दिया, आज उसी के साथ एेसा हो रहा है.

Advertisement
Google news, Breaking News, President, Pranab Mukherjee foundation, pranab mukherjee, Human rights, democracy
  • November 24, 2018 10:07 am Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को देश में बढ़ती असहिष्णुता, गुस्से और मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि जिस धरती ने दुनिया को वसुधैव कुटुम्बकम का मंत्र दिया, वह भारत देश एक मुश्किल दौर से गुजर रहा है. प्रणब मुखर्जी के फाउंडेशन और सेंटर फॉर रिसर्च फॉर रूरल एंड इंडस्ट्रियल डेवेलपमेंट द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में पूर्व राष्ट्रपति ने ये बातें कहीं.

उन्होंने आगे कहा, ”विभिन्न समुदायों के बीच शांति और सद्भाव तब बढ़ता है, जब सहिष्णुता और सद्भावना को बढ़ावा दिया जाता है और लोग अपनी जिंदगी से नफरत, जलन और गुस्से को निकाल देते हैं. लोग उन देशों में खुश होते हैं, जहां व्यक्तिगत स्वतंत्रता की गारंटी दी जाती है और लोकतंत्र सुरक्षित रहता है. आर्थिक स्थिति की परवाह किए बिना लोग शांति के माहौल में खुश रहते हैं.

मुखर्जी ने 1951 में आई पहली पंचवर्षीय योजना के बाद से भारत के विकास कार्यों को गिनाया. साथ ही चिंता जताते हुए कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था तो विकास कर रही है लेकिन लोगों की खुशी का पैमाना घट रहा है. प्रणब मुखर्जी ने लोकतांत्रिक संस्थाओं के दबाव में काम करने की बात भी कही. उन्होंने चिंता जताते हुए कहा, ”शासन और इन संस्थाओं के काम करने में सनकीवाद और भ्रम है”. 

इस समारोह में बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी भी मौजूद थे. उन्होंने कहा, ”यह बेहद चिंताजनक है कि लोकतांत्रिक समतावादी विश्व व्यवस्था के उत्पादन के लिए अपनाई गई तकनीकी-आर्थिक प्रणाली का नतीजा शोषणकारी, अत्यंत असमान और खंडित दुनिया के रूप में सामने आया है.”

Telangana Assembly Elections: चुनाव प्रचार का गजब तरीका, मतदाताओं को चप्पल देकर कहा- विधायक बनाओ, काम न करूं तो इसी से पीटना

7th Pay Commission Good News: केंद्रीय कर्मचारियों को मिलेगा डबल तोहफा, जल्दी ऐलान करेगी सरकार

Tags

Advertisement