Karnataka Election : करोड़पति उम्मीदवारों पर राजनीतिक पार्टियों ने जताया भरोसा

बेंगलुरु : दक्षिण भारतीय राज्य कर्नाटक में चुनाव प्रचार का शोर शांत हो गया है. यहां पर सभी राजनीतिक पार्टियों के स्टार प्रचारकों ने अपना पूरा दमखम झोंक दिया था. अब यहां पर 10 मई को मतदान की प्रकिया होगी, वहीं मतगणना की प्रकिया 13 मई को होगी. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बेंगलुरु क्षेत्र के […]

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Karnataka Election : करोड़पति उम्मीदवारों पर राजनीतिक पार्टियों ने जताया भरोसा

Vivek Kumar Roy

  • May 8, 2023 8:27 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

बेंगलुरु : दक्षिण भारतीय राज्य कर्नाटक में चुनाव प्रचार का शोर शांत हो गया है. यहां पर सभी राजनीतिक पार्टियों के स्टार प्रचारकों ने अपना पूरा दमखम झोंक दिया था. अब यहां पर 10 मई को मतदान की प्रकिया होगी, वहीं मतगणना की प्रकिया 13 मई को होगी. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बेंगलुरु क्षेत्र के 389 उम्मीदवारों के पास एक करोड़ रुपये से अधिक संपत्ति है.

87 प्रतिशत उम्मीदवारों के पास 5 करोड़ से अधिक संपत्ति

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बेंगलुरु क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे 87 उम्मीदवारों के पास 5 करोड़ रुपये से अधिक संपत्ति है. इसी बीच 2 से 5 करोड़ रुपये के बीच 37 उम्मीदवार है. इस कड़ी में 50 लाख से 2 करोड़ के बीच 76 उम्मीदवार है. वहीं 70 उम्मीदवारों के पास 10 से 50 लाख रुपये के बीच संपत्ति घोषित की है. 10 लाख से कम 114 उम्मीदवार हैं.

बेंगलुरु क्षेत्र से चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की बात करे तो 24.48 करोड़ रुपये औसत संपत्ति है. इस क्षेत्र में सबसे अधिक अमीर उम्मीदवार यूसूफ शरीफ जो चिकपेट विधानसभा से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे है. उन्होंने अपनी संपत्ति 1633 करोड़ रुपये घोषित की है. दूसरे नंबर पर कांग्रेस के प्रत्याशी प्रियकृष्णा है जो गोविंदराजनगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे है. उन्होंने अपनी संपत्ति 1156 करोड़ रुपये घोषित की है. इसी कड़ी में तीसरे नंबर पर सुरेश बीएल है जो हेब्बल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे है. उन्होंने अपनी संपत्ति 648 करोड़ रुपये घोषित की है.

10 मई को वोटिंग, 13 को नतीजे

गौरतलब है कि, कर्नाटक में 10 मई को विधानसभा चुनाव होगा. राज्य की सभी 224 विधानसभा सीटों पर एक ही दिन वोट डाले जाएंगे. इसके बाद 13 मई को चुनाव के नतीजे आएंगे. 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सबसे ज्यादा 104 सीटें जीती थी. वहीं कांग्रेस के खाते में 80 सीटे आई थी. जेडीएस ने 37 सीटों पर जीत दर्ज की थी. चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर सरकार बनाई थी, लेकिन 13 महीने में ही कुछ विधायकों के बागी होने के बाद सरकार गिर गई. जिसके बाद बागियों की मदद से बीजेपी ने राज्य में अपनी सरकार बनाई.

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