NITI Aayog Unemployment Rate: 45 साल में सबसे ज्यादा बेरोजगारी वाली रिपोर्ट पर मचे सियासी संग्राम में अब नीति आयोग भी आ चुका है. नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने गुुरुवार प्रेस कॉफ्रेंस आयोजित कर दो-टूक कहा कि यह ड्राफ्ट रिपोर्ट है, फाइनल नहीं.
नई दिल्ली. बेरोजगारी दर के मामले पर मची सियासी हलचल के बीच नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने बड़ा बयान दिया है. राजीव कुमार ने दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉफ्रेंस में दो-टूक कहा कि सरकार की ओर से नौकरियों पर कोई डाटा रिलीज नहीं किया गया है. राजीव कुमार ने आगे बताया कि बेरोजगारी पर डाटा तैयार करने का काम अभी किया जा रहा है. जब यह काम पूरा हो जाएगा तब सरकार बेरोजगारी के मसले पर डाटा रिलीज करेगी.
राजीव कुमार ने आगे बताया, ‘अब डेटा संग्रह की प्रक्रिया बहुत बदल चुकी है. नए सर्वेक्षण में हम कंप्यूटर आधारित पर्सनल इंटरव्यू का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में दोनों डेटा सेट्स की तुलना करना उचित नहीं होगा. इस डेटा का सत्यापन नहीं हुआ है, लिहाजा इसे अंतिम रिपोर्ट के रूप में इस्तेमाल करना ठीक नहीं होगा.’
बता दें कि अंग्रेजी अखबार बिजनेस स्टैंडर्ड में एनएसएसओ की एक रिपोर्ट के जरिए यह खुलासा किया गया था कि एनडीए सरकार के कार्यकाल में बेरोजगारी दर काफी बढ़ी है. रिपोर्ट के अनुसार इस समय भारत में बरोजगारी दर 6.1 है. जो कि 1972 की बेरोजगारी दर 6.0 को पार कर चुकी है. इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद विपक्षी दल मोदी सरकार पर हमलावर है.
NITI Aayog Vice Chairman Rajiv Kumar: Government did not release the data (on jobs) as it is still being processed. When the data is ready we will release it. pic.twitter.com/2aO9uFxKUu
— ANI (@ANI) January 31, 2019
NITI Aayog Vice Chairman Rajiv Kumar: Data collection method is different now, we are using a computer assisted personal interviewee in the new survey. It is not right to compare the two data sets, this data is not verified. It is not correct to use this report as final. pic.twitter.com/AVUuD0wYDZ
— ANI (@ANI) January 31, 2019
रिपोर्ट के अनुसार बेरोजगारी दर पिछले 45 साल के इतिहास को पीछे छोड़ चुका है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया था कि यह सर्वे नोटबंदी के बाद किया गया था. इस खुलासे के बाद मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा था कि हमें हर साल दो करोड़ रोजगार देने का वादा किया गया था. लेकिन पिछले साढ़े चार साल में देश बेरोजगारी कहां पहुंच चुकी है.