Life After Covid 19 Lockdown: आपको लग रहा होगा जब लॉकडाउन के तीसरे चरण में इतनी ढील मिल गई तो इसके बाद फिर से सबकुछ सामान्य हो जाएगा यानी आपको पूरी तरह आजादी मिल जाएगी. लेकिन क्या सच में ऐसा हो पाएगा.
नई दिल्ली. कोरोना महामारी के बीच देश में जो लोगों को इंतजार था वो हो गया. मंगलवार रात मोदी जी आए और कोविड 19 लॉकडाउन 4.0 की घोषणा कर गए और कह गए ये बाकी तीनों लॉकडाउन के चरणों से अलग होगा. क्या होगा इसकी जानकारी भी 18 मई से पहले लग जाएगी. अब आपको लग रहा होगा जब लॉकडाउन के तीसरे चरण में इतनी ढील मिल गई तो आगे वाले में तो मजा ही आ जाएगा मतलब पूरी आजादी या पूरी से थोड़ी कम आजादी तो जरूर मिल जाएगी. लेकिन साहब सच बोलूं तो ये आपके वे सपने हैं जो मुंगेरी लाल ने भी नहीं देखे होंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार कह चुके- कोरोना के बाद जिंदगी पहले जैसी नहीं रहेगी
चलिए बात प्रधानसेवक की बात से ही शुरू करते हैं. लॉकडाउन के दौरान पीएम मोदी ने कई बार कहा कि अब लोगों को अपने जीवन में बदलाव लाना होगा, आत्मनिर्भर बनना होगा. उनके कहने का मतलब समझें तो कोरोना वायरस महामारी का असर इतना होगा कि लोगों का आने वाला जीवन ही बदल जाएगा. कम से कम कुछ सालों के लिए तो बदल ही जाएगा. पीएम मोदी ने साथ में ये भी कहा था कि अब हमें कई चीजों की आदत बदलनी होगी तो कई चीजों की आदत डालनी भी होगी.
अपने चेहरे पर स्टाइलिश चश्मे के साथ साथ मास्क भी फैशन समझिए तो बेहतर
सोशल डिस्टेंसिंग के साथ- साथ मास्क भी अब जिंदगी का हिस्सा है. बाहर कहीं भी जाना होता है तो मास्क लगाना पड़ता है. बड़ी आलस की बात है, कई लोगों को लगता है कि सांस नहीं आ रही, या खुजली हो रही. दरअसल ये सब इसलिए क्योंकि आपको मास्क लगाने की आदत नहीं लेकिन जैसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं, आदत तो डालनी होगी और वो भी लंबे समय तक. इसलिए बेहतर होगा आप मास्क को अपने फैशन स्टाइल में जोड़ लें क्योंकि इसके बिना अब बाहर निकलना शायद थोड़ा मुश्किल और काफी हद तक जानलेवा भी हो सकता है.
क्या पता शादियों में बारात ना नाचे, बर्थडे पर हंगामा न हो, बड़ी पार्टियां न हो सके
अभी तोह कम से कम से कुछ समय के लिए भूल जाइए कुछ भी ऐसा कार्यक्रम करना जिसमें भीड़ जुटती हो. मतलब आपका जन्मदिन हो या शादी बस इतना ध्यान रखिए कि जो करना है वह सोशल डिस्टेंसिंग और कम भीड़ के साथ करना है. हो सके तो परिवार और करीबी यार रिश्तेदारों के साथ ही सबकुछ हंसते खेलते निबटा दें. अब वो सैंकड़ों की संख्या में बारात का नाचना कुछ महीनों तो शायद न ही आप कर पाएं.