खादी उद्योग पर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय की ओर से लोकसभा में उपलब्ध कराए गए हालिया तथ्यों के अनुसार खादी क्षेत्र में 2015-16 और 2016-17 के बीच रोजगार घटकर 11.6 लाख से 4.6 लाख तक हो गया. यानी करीब 7 लाख लोगों ने नौकरी छोड़ दी या उन्हें हटा दिया गया.
नई दिल्ली. जहां एक ओर केंद्र सरकार खादी उद्योग को बढ़ावा देने की बात कह रही है, वहीं दूसरी ओर इस क्षेत्र में पिछले 3 साल में 7 लाख नौकरियां जाने खत्म होने के आंकड़े सामने आए हैं. ये आधिकारिक आंकड़ें खुद सरकार ने लोकसभा में पेश किए हैं. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय की ओर से लोकसभा में जारी किए आंकड़ों के अनुसार खादी क्षेत्र में पिछले तीन साल (2015-16 और 2016-17) में रोजगार घटकर 11.6 लाख से घटकर 4.6 लाख तक पहुंच गया है.
मंत्रालय की ओर से लोकसभा में जारी इस रिपोर्ट में बताया गया है कि इतने लोगों ने या तो इस क्षेत्र में नौकरी छोड़ दी या फिर उन्हें हटा दिया गया. हालांकि अच्छी बात ये है कि खादी उद्योग के उत्पादन में इस अवधि में 32 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है. वहीं सेल्स में 34 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. इस रिपोर्ट के अनुसार 6.8 लाख नौकरियों में से 1.2 लाख नौकरियां ओडिशा, बिहार, पश्चिम बंगाल और अंडमान-निकोबार में गई हैं इसके अलावा 3.2 लाख नौकरियां उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में खत्म हुई हैं. वहीं प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत भी 2017-18 में रोजगार निर्माण में गिरावट आई है.
बता दें कि 2016 में सरकार ने 2016-17 में खादी सेक्टर में 19.5 लाख नौकरियां पैदा करने का लक्ष्य रखा था. खुद केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्रा ने इसकी घोषणा करते हुए कहा था कि खादी और ग्रामोद्योग आयोग को 340 करोड़ रुपये आवंटित करने के बाद 2016-17 में देश का खादी उत्पादन बढ़कर 1,300 करोड़ रुपये हो जाएगा. साथ ही इस सेक्टर में 19.5 लाख नई नौकरियां पैदा होंगी.