जन्मदिन विशेष: फिल्म अभिनेत्री से तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनने तक कुछ ऐसा रहा जयललिता ‘अम्मा’ का सफर

जन्मदिन विशेष: तमिल सिनेमा की सिलवर जुबली और तमिलनाडु राजनीति की अम्मा जयललिता का आज जन्मदिन है. महज15 साल की उम्र से ही फिल्मों में अपने करियर की शुरुआत करने वाली जयललिता साल 1991 में पहली बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनी. साल 2016 के 5 दिसंबर में लंबी बीमारी के चलते जयललिता का निधन हो गया.

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जन्मदिन विशेष: फिल्म अभिनेत्री से तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनने तक कुछ ऐसा रहा जयललिता ‘अम्मा’ का सफर

Aanchal Pandey

  • February 24, 2018 2:05 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्ली: तमिल सिनेमा की सिलवर जुबली और तमिलनाडु राजनीति की अम्मा जयललिता का आज जन्मदिन है. कर्नाटक के मैसूर में ब्राह्मण जाति के परिवार में जन्म लेने वाली जयललिता ने महज 15 वर्ष की आयू में ही उन्होंने बतौर एक्ट्रेस कन्नड़ फिल्मों से अपने करियर की शुरुआत कर दी थी. जिसके बाद साल 1982 में एक बड़ा फैसला करते हुए जयललिता ने दिग्गज नेता एमजी रामचंद्रन की राजनीतिक पार्टी ऐआईडीएमके के साथ अपने सियासी सफर की शुरुआत की थी. साल 1991 में जयलिलता तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनी. साल 2016 के 5 दिसंबर में लंबी बीमारी के चलते जयललिता का निधन हो गया.

अम्मा यानी जयललिता जिन्हें तमिल फिल्मों में सिल्वर जुबिली क्वीन और तमिल राजनीति में आयरन लेडी कहा जाता था. जयललिता ने अपने जीवन के 68 सालों में से 55 साल तक बतौर कलाकार और फिर राजनेता बनकर लोगों के दिलों पर राज किया. जयललिता तमिलनाडु में बेहद लोकप्रिय हैं उन्हें सब अम्मा कहकर ही बुलाते हैं. कहा जाता है कि जयललिता एक बहुत मजबूत नेता रही हैं. उनका पार्टी पर इतना मजबूत नियंत्रण था कि गलती करने पर पार्टी के लोग उनके सामने कांपा करते हैं. जयललिता अपने कार्यकाल के दौरान अपने मंत्रियों से भी ज्यादा मिलना नहीं पसंद करती थीं. 

अपने सियासी सफर में जयललिता को लोगों में मुफ़्त चीजे बांटने की नीति ने भी उन्हें बहुत लोकप्रिय बनाया. इसी तरह धीरे-धीरे जयलिलता लोगों के बीच उनकी जगह बनती चली गई. राजनीति में जयललिता का करियर काफी अच्छा रहा. इसी बीच में भष्टाचार के आरोपों में घिरी जयललिता जेल भी गई थी जिस वजह से उनके पार्टी के कार्यकर्ताओं ने खूब हंगामा मचाया था. अपने कार्यकाल में जयललिता ने काफी उपलब्धियां हासिल की. सुनामी के दौरान उनके द्वारा चलाए गए प्रशासन की लोग आज भी तारिफ करते हैं. जयललिता ने जीवन में लोगों का बहुत सहयोग और आर्थिक रूप से काफी मदद की. इसी वजह से लोग उन्हें अम्मा कहने लगे. 5 दिसंबर 2016 को बीमारी के चलते जयललिता का निधन हो गया. इनके निधन से इनके पार्टी कार्यकर्ताओं को काफी बड़ा झटका लगा और पूरा राज्य कई दिनों तक शोक में डूबा रहा.

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