नई दिल्ली. छावला रेप केस इस समय चर्चा में बना हुआ है, दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने इस केस के आरोपियों को बरी कर दिया है, जिसके बाद से इस फैसले पर सवाल उठ रहे हैं. इस मामले में महिला आयोग ने गृह मंत्रालय से जांच कमेटी का गठन करने की मांग की है. 2012 के […]
नई दिल्ली. छावला रेप केस इस समय चर्चा में बना हुआ है, दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने इस केस के आरोपियों को बरी कर दिया है, जिसके बाद से इस फैसले पर सवाल उठ रहे हैं. इस मामले में महिला आयोग ने गृह मंत्रालय से जांच कमेटी का गठन करने की मांग की है.
2012 के भयावह छावला गैंगरेप और मर्डर केस की जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कई सवाल खड़े किए हैं। कमजोर जांच और सुनवाई के दौरान हुई कुछ भूल के चलते आरोपियों के छूटने की बात सामने आयी है। गृह सचिव, भारत सरकार को पत्र लिख हाई लेवल कमिटी की मांग की है जिससे ऐसी लापरवाही फिर कभी न हो! pic.twitter.com/6l6trq2lA3
— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) November 10, 2022
इस मामले में दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने ट्वीट करते हुए लिखा- 2012 के भयावह छावला गैंगरेप और मर्डर केस की जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कई सवाल खड़े किए हैं। कमजोर जांच और सुनवाई के दौरान हुई कुछ भूल के चलते आरोपियों के छूटने की बात सामने आयी है। गृह सचिव, भारत सरकार को पत्र लिख हाई लेवल कमिटी की मांग की है जिससे ऐसी लापरवाही फिर कभी न हो!
जांच कमेटी के गठन के अलावा दिल्ली महिला आयोग ने पुलिस से छावला सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता के परिजनों के लिए सुरक्षा की मांग की है इसके साथ ही दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी करते हुए आयोग ने कहा कि मामला बेहद संवेदनशील है और इस समय तो आरोपी खुले घूम रहे हैं, ऐसे में मृतक लड़की के परिवार के सदस्यों को तुरंत उच्च स्तरीय सुरक्षा दी जानी चाहिए. आयोग ने पुलिस से मामले में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट भी मांगी है और पुलिस से पीड़ित के परिवार के सदस्यों को जो सुरक्षा दी जाएगी उसके बारे में जानकारी देने को भी कहा है.
दिल्ली के छावला गैंगरेप केस मामले में सुप्रीम कोर्ट से आए फैसले को पीड़ित परिवार रिव्यू पिटिशन के रूप में चुनौती देने वाला है, यह जानकारी पीड़ित परिवार ने दी है. पीड़ित परिवार ने आज दिल्ली के झंडेवालान स्थित गढ़वाल भवन में समाज के लोगो के साथ एक बैठक की, जिसमें सैकड़ों लोग एकत्रित हुए, इस बैठक में एक कमेटी का गठन किया गया है, जिसमें कई वकील भी शामिल होंगे. पीड़ित परिवार और कमेटी के मेंबर्स का कहना है कि वह मामले में रिव्यू पिटिशन फाइल करने वाले हैं जिसके लिए वह तैयारी शुरू कर चुके हैं. उनका कहना है कि उन्हें रिव्यू पिटिशन करने से इंसाफ की उम्मीद रहेगी.