नई दिल्लीः देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ अक्सर देश में चल रहे मुद्दों को लेकर खुल कर अपनी राय रखते है। इस वक्त वो अमेरिका के दौरे पर है। वहीं रविवार को उन्होंने अमेरिका के मैसाच्युसेट्स की ब्रांडेस यूनिवर्सिटी में ‘डॉ. बीआर अंबेडकर की अधूरी विरासत’ पर छठे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए […]
नई दिल्लीः देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ अक्सर देश में चल रहे मुद्दों को लेकर खुल कर अपनी राय रखते है। इस वक्त वो अमेरिका के दौरे पर है। वहीं रविवार को उन्होंने अमेरिका के मैसाच्युसेट्स की ब्रांडेस यूनिवर्सिटी में ‘डॉ. बीआर अंबेडकर की अधूरी विरासत’ पर छठे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि हाशिए पर मौजूद सामाजिक वर्ग के खिलाफ हुई ऐतिहासिक गलती को कायम रखने में कानून व्यवस्था ने भी अहम भूमिका निभाई है।
कानून व्यवस्था ने ऐतिहासिक गलती को कायम रखा
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि इतिहास में हाशिए पर छूटे सामजिक वर्ग के खिलाफ असमानता, पूर्वाग्रह और शक्ति के असंतुलन के चलते कई ऐतिहासिक गलतियां हुई। कानून के दुरुपियोग के चलते ट्रांस अटलांटिक, मुल व्यापार, मूल अमेरिकियों का विस्थापन, भारत में जातीय भेदभाव से करोड़ो लोग प्रभावित हुए। आदिवासी समुदायों का शोषण, महिलाओं को शोषण, एलजीबीटीक्यू और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों का शोषण जैसी घटनाएं से इतिहास दागदार है।
हमारी कानून व्यवस्था ने भी बढ़ावा दिया- सीजेआई
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हमारी कानून व्यवस्था ने भी इसे बढ़ावा देने में अहम भूमिका अदा की है। उन्होंने कहा कि जैसे अमेरिका में भेदभाव के कुछ हिस्सों में गुलामी व्यवस्था को कानूनी तौर पर मान्यता दी गई। सीजेआई ने कहा अमेरिका में भेदभाव वाले कानून बनाए गए। अमेरिका में भारत और शोषित वर्ग को लंबे समय तक मतदान के अधिकार से वंचित रखा गया। आगे उन्होंने कहा कि इस तरह के कानून को भेदभाव बनाए रखने के लिए इस्तेमाल किया गया।
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि आज ये भेदभाव वाले कानून नहीं हैं लेकिन इसका प्रभाव कई पीढ़ियों तक रहेगा। भारत में आजादी के बाद कई अहम कदम उठाए गए, जिससे सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों को ऐसे अवसर मिले, जिनसे उन्हें रोजगार, पढ़ाई में प्रतिनिधित्व मिला।