Ajit Doval Meets Saudi Arab Crown Prince Mohammad Bin Salman: अजीत डोभाल ने सउदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात की. उनके बीच कश्मीर मुद्दे पर चर्चा हुई. क्राउन प्रिंस के साथ जम्मू और कश्मीर की स्थिति सहित कई द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के अलावा सउदी अरब के एनएसए से भी मुलाकात की. उन्होंने राष्ट्रीय और क्षेत्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर चर्चा की.
नई दिल्ली. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के सऊदी अरब का दौरा करने के कुछ दिनों बाद भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ कश्मीर पर पाकिस्तान के संस्करण का मुकाबला करने के लिए मुलाकात की. दोनों नेताओं के बीच करीब एक घंटे तक चली मुलाकात में कश्मीर के अलावा कई और मुद्दों पर चर्चा हुई. सूत्रों ने यह भी कहा कि कई द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की गई थी, जम्मू और कश्मीर की स्थिति भी चर्चा का हिस्सा थी. सऊदी क्राउन प्रिंस ने अपनी ओर से, जम्मू और कश्मीर में भारत के दृष्टिकोण और कार्यों के बारे में विचार व्यक्त किए.
इस यात्रा से भारत और सऊदी अरब के बीच संबंधों को और मजबूत होने की उम्मीद है. सूत्रों ने कहा कि इसका उद्देश्य ऐसे समय में सहयोग के विशिष्ट क्षेत्रों की पहचान करने में मदद करना है जब सऊदी अरब एमबीएस के दृष्टिकोण 2030 के अनुरूप अपनी अर्थव्यवस्था में विविधता लाना चाह रहा है. एनएसए अजीत डोभाल ने अपने सऊदी समकक्ष यानि सउदी अरब के एनएसए, मुसैद अल ऐबन के साथ भी बैठकें कीं. उन्होंने राष्ट्रीय और क्षेत्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर चर्चा की, करीबी सुरक्षा संबंधों के महत्व पर प्रकाश डाला.
Sources: NSA Ajit Doval also had a meeting with Saudi NSA, they discussed issues of national & regional security . https://t.co/LPzAMmmS2Q
— ANI (@ANI) October 2, 2019
डोभाल से आज संयुक्त अरब अमीरात के शीर्ष नेताओं के साथ बातचीत करने की उम्मीद है. इस बारे में जानकारी दे रहे सूत्रों ने कहा कि, यात्रा क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा वातावरण पर नेताओं को नोट एक्सचेंज करने का एक अवसर है. भारत के सऊदी अरब के साथ-साथ संयुक्त अरब अमीरात के साथ बहुत करीबी संबंध हैं जिसमें खुफिया साझाकरण शामिल है.
पिछले कुछ हफ्तों में कश्मीर मामले पर पाकिस्तान की कूटनीतिक टिप्पणियों ने चीन, मलेशिया और तुर्की जैसे देशों से समर्थन प्राप्त किया. दिलचस्प बात यह है कि, इस्लामिक सहयोग संगठन के कश्मीर संपर्क समूह के एक बयान के बावजूद, यूएई और सऊदी अरब दोनों ने बहुत अधिक तटस्थ भूमिका निभाई है.