Today antarctica News | Latest antarctica News | Breaking antarctica News in English | Latest antarctica News Headlines - Inkhabar आज का antarctica समाचार:Today antarctica News ,Latest antarctica News,Aaj Ka Samachar ,antarctica समाचार ,Breaking antarctica News in Hindi, Latest News Headlines - Inkhabar https://www.inkhabar.com/tag/antarctica December 16, 2024, 10:58 am Inkhabar Inkhabar hi https://www.inkhabar.com/wp-content/themes/inkhabar/images/inkhbar-logo.png Inkhabar https://www.inkhabar.com/ Feed provided by Inkhabar. 200 साल में अंटार्कटिका का ग्लेशियर हो जाएगा गायब, वैज्ञानिकों की चौंकाने वाली भविष्यवाणी से मचा हड़कंप!https://www.inkhabar.com/khabar-jara-hatkar/antarctica-huge-glacier-will-disappear-in-200-year-scientists-shocking-prediction-creates-stir/September 29, 2024, 10:50 pmwp-content/uploads/2024/09/Antarctica-Glacier-Melting.webpखबर जरा हटकरधरती पर कुछ ऐसी चीजें हैं जो इंसानों को सूरज की खतरनाक गर्मी से बचा रही हैं, उनमें से एक है अंटार्कटिका का विशाल ग्लेशियर. यह हमारे ग्रह <p><strong>नई दिल्ली:</strong> धरती पर कुछ ऐसी चीजें हैं जो इंसानों को सूरज की खतरनाक गर्मी से बचा रही हैं, उनमें से एक है अंटार्कटिका का विशाल ग्लेशियर. यह हमारे ग्रह के लिए बेहद अहम है, लेकिन हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है. अंटार्कटिका का एक बहुत बड़ा ग्लेशियर, जिसे ‘डूम्सडे ग्लेशियर’ के नाम से जाना जाता है, अगले 200 से 900 साल के बीच पूरी तरह पिघल सकता है. इस ग्लेशियर का आकार अमेरिका के फ्लोरिडा राज्य जितना है और इसे थ्वाइट्स ग्लेशियर भी कहते हैं.</p> <h2><strong>ग्लेशियर के पिघलने की वजह क्या है?</strong></h2> <p>ग्लेशियर के पिघलने की सबसे बड़ी वजह ग्लोबल वार्मिंग यानी धरती का बढ़ता तापमान है. जैसे-जैसे तापमान बढ़ रहा है, ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं. इसके अलावा, गर्म समुद्री पानी ग्लेशियर को नीचे से पिघला रहा है, जिससे वह कमजोर हो रहा है और टूट रहा है.</p> <p><img loading="lazy" decoding="async" class="aligncenter" src="https://akm-img-a-in.tosshub.com/indiatoday/images/story/202201/doomsday_glacier.jpg?size=1200:675" alt="Why Antarctica's 'Doomsday' glacier could lead to catastrophic sea-level rise? - India Today" width="820" height="461" /></p> <h2><strong>खतरा कितना बड़ा है?</strong></h2> <p>अगर यह ग्लेशियर पूरी तरह से पिघल जाता है तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं. इससे समुद्र का स्तर कई मीटर तक बढ़ सकता है, जिससे दुनियाभर के तटीय इलाके पानी में डूब सकते हैं. इसका मतलब है कि लाखों लोगों को अपने घर छोड़ने पड़ेंगे. साथ ही, मौसम में भी भारी बदलाव हो सकता है, जिससे दुनियाभर में मौसम अनिश्चित हो जाएगा. कई द्वीप और तटीय इलाके डूब सकते हैं, जिससे जानवरों और पौधों की कई प्रजातियां विलुप्त हो सकती हैं.</p> <p><img loading="lazy" decoding="async" class="aligncenter" src="https://www.leftvoice.org/wp-content/uploads/2021/12/melting-glacier-scaled-1.jpeg" alt="Doomsday” Glacier Is Melting, Accelerating Sea Level Rise - Left Voice" width="596" height="397" /></p> <h2><strong>क्या कहती है ताजा रिसर्च?</strong></h2> <p>नेचर जर्नल में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन के अनुसार, अगर वैश्विक तापमान में 2 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होती है, तो अंटार्कटिका का बर्फीला हिस्सा तेजी से पिघलने लगेगा. यह स्थिति काफी गंभीर हो सकती है और दुनिया के कई हिस्सों को बुरी तरह प्रभावित कर सकती है.</p> <h2><strong>कैसे बचा सकते हैं इस संकट से?</strong></h2> <p>इस संकट को रोकने के लिए सबसे जरूरी है कि ग्लोबल वार्मिंग को काबू किया जाए. हमें जीवाश्म ईंधन (कोयला, तेल) का उपयोग कम करना होगा और स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों, जैसे सौर और पवन ऊर्जा, को अपनाना होगा. इसके साथ ही, वैज्ञानिकों को भी ग्लेशियर पर और रिसर्च करनी होगी ताकि इसे पिघलने से रोका जा सके. इस संकट से निपटने के लिए सभी देशों को एकजुट होकर काम करने की जरूरत है.</p> <p><strong>नतीजा साफ है:</strong> अगर अब कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले 200 सालों में अंटार्कटिका का विशाल ग्लेशियर पूरी तरह खत्म हो सकता है, जिससे धरती पर जीवन अस्त-व्यस्त हो जाएगा.</p> <p>&nbsp;</p> <p>ये भी पढ़े: <a href="https://www.inkhabar.com/khabar-jara-hatkar/turkish-tiktok-influencer-model-kubra-aykut-died-by-suicide-by-jumping-from-fifth-floor/">26 साल की उम्र में खुद से शादी करने वाली मॉडल ने की खुदकुशी! पांचवीं मंजिल से कूद कर दी जान</a></p> <p>ये भी पढ़े: <a href="https://www.inkhabar.com/khabar-jara-hatkar/heaviest-natural-element-on-earth-whose-density-is-greater-than-that-of-gold-and-uranium/">जानिए पृथ्वी पर सबसे भारी प्राकृतिक तत्व, जिसका घनत्व सोना और यूरेनियम से भी ज्यादा!</a></p> Research: वायुमंडलीय नदियों ने अंटार्कटिक में उड़ाए होश , 100 वर्षों में सबसे दुर्लभ घटनाhttps://www.inkhabar.com/khabar-jara-hatkar/atmospheric-rivers-were-responsible-for-extreme-heat-in-antarctica-in-march-2022-and-much-of-the-region-atmospheric-rivers/February 6, 2024, 8:15 amwp-content/uploads/2024/02/download-72-300x169.pngखबर जरा हटकरनई दिल्ली: मार्च 2022 में अंटार्कटिका में अत्यधिक गर्मी के लिए वायुमंडलीय नदियां ज़िम्मेदार थीं, और क्षेत्र के अधिकांश हिस्सों में तापमान सामान्य से 40 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ गया, जिससे ये रिकॉर्ड पर दुनिया की सबसे तेज़ गर्मी बन गई और यहां अब त...<p><strong>नई दिल्ली:</strong> मार्च 2022 में अंटार्कटिका में अत्यधिक गर्मी के लिए वायुमंडलीय नदियां ज़िम्मेदार थीं, और क्षेत्र के अधिकांश हिस्सों में तापमान सामान्य से 40 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ गया, जिससे ये रिकॉर्ड पर दुनिया की सबसे तेज़ गर्मी बन गई और यहां अब तापमान माइनस 40-50 डिग्री सेल्सियस रहता है. ये एक मौजूदा वैश्विक अध्ययन से पता चलता है कि टीम का नेतृत्व स्विस जलवायु विज्ञानी जोनाथन विलेट ने किया. बता दें कि इस अध्ययन में भारत में 33 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र पर गर्मी की लहरों का प्रभाव भी देखा गया था.</p> <h4><strong>समुद्री बर्फ की मात्रा रिकॉर्ड से हुई कम सबसे दुर्लभ घटना<img decoding="async" src="https://cdn.britannica.com/s:1920x1080,c:crop,q:80/08/135708-050-2346C1CF.jpg" alt="अंटार्कटिका - ब्रिटानिका स्कूल" /></strong></h4> <p>बता दें कि नेशनल ओशनिक एंड एटमोस्फियरिक एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक वायुमंडलीय नदियां वायुमंडल में जलवाष्प वाला वो क्षेत्र है जिसे आकाशीय नदियों के रूप में जाना जाता है, और ये नदियां अधिकांश जल वाष्प को उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के बाहर ले जाती हैं. साथ ही वायुमंडलीय नदियां आकार और ताकत में काफी अलग-अलग भी हो सकती हैं, और औसत वायुमंडलीय नदी मिसिसिपी नदी के मुहाने पर पानी के औसत प्रवाह के एकदम बराबर जल वाष्प की मात्रा की ओर ले जाती है और असाधारण रूप से मजबूत वायुमंडलीय नदियां उस मात्रा से 15 गुना तक तेज़ हो सकती हैं. दरअसल जब वायुमंडलीय नदियां जब जमीन से टकराती हैं तो वो हमेशा इस जलवाष्प को बारिश और बर्फ के रूप में छोड़ती हैं.</p> <h4><strong>100 वर्षों में सबसे दुर्लभ घटना</strong></h4> <p>वैज्ञानिको के मुताबिक इस घटना के कारण तटीय क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर सतह पिघल गई और समुद्री बर्फ की मात्रा रिकॉर्ड रूप से काफी कम हो गई, और इसके साथ ही ये माना जाता है कि वायुमंडलीय नदी के पश्चिम में एक अतिरिक्त उष्णकटिबंधीय चक्रवात कांगर आइस शेल्फ के अंतिम पतन का कारण बना है, जो पहले से ही गंभीर रूप से काफी अस्थिर था और पूर्वी अंटार्कटिका का कांगर बर्फ शेल्फ रोम के आकार का एक तैरता हुआ हिमखंड था. बता दें कि अध्ययनकर्ता डॉ. टॉम ब्रेसगर्डल के मुताबिक दुनिया भर में अत्यधिक तापमान और मौसम की घटनाएं काफी बड़े अंतर से रिकॉर्ड तोड़ रही हैं, ये घटना100 साल में होने वाली एक दुर्लभ घटना मानी जा रही है.</p> <p><a href="https://www.inkhabar.com/entertainment/malvi-malhotra-is-one-of-the-most-popular-actresses-of-south-cinema-he-soon-made-his-name-in-the-south-film-industry">Malvi Malhotra: साउथ एक्ट्रेस मालवी मल्होत्रा ​​ने विक्रम भट्ट पर लगाया धोखाधड़ी काआरोप, जानें पूरा मामला</a></p> परमाणु जंग छिड़ी तो भी सबसे सुरक्षित रहेंगी दुनिया की ये 6 जगहेंhttps://www.inkhabar.com/khabar-jara-hatkar/top-6-safest-place-on-earth-in-nuclear-war/October 6, 2022, 10:35 pmwp-content/uploads/2022/10/download-18-2-300x169.pngखबर जरा हटकरनई दिल्ली : रूस और यूक्रेन के युद्ध से पूरी दुनिया डरी हुई है. दुनिया को एक बार फिर परमाणु युद्ध छिड़ने की आशंका है. जानकारों का मानना है कि यदि दोनों देश इसी तरह से जंग पर अड़े रहे तो रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन परमाणु हमला (Nuclear attack) ...<p><strong>नई दिल्ली :</strong> रूस और यूक्रेन के युद्ध से पूरी दुनिया डरी हुई है. दुनिया को एक बार फिर परमाणु युद्ध छिड़ने की आशंका है. जानकारों का मानना है कि यदि दोनों देश इसी तरह से जंग पर अड़े रहे तो रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन परमाणु हमला (Nuclear attack) भी कर सकते हैं. यदि ऐसा कुछ भी हुआ तो दुनिया में तबाही मच जाएगी क्योंकि यूक्रेन के साथ सुपर पावर कहलाने वाला देश अमेरिका है और वह चुप नहीं बैठेगा.</p> <p>इसी स्थिति ने पूरी दुनिया के दिलों में दहशत भर दी है. लेकिन एक सवाल ये भी है कि अगर दुनिया परमाणु युद्ध से गुज़रती है तो वो कौन सी जगह होगी जो सबसे ज़्यादा सुरक्षित रहेगी. इस सवाल का जवाब इसलिए जरूरी है क्योंकि धरती के परमाणु युद्ध के मुहाने पर खड़े होने से भारतवासियों को भी जान का खतरा है.</p> <h2> <strong>एनटार्कटिका</strong></h2> <p>इस लिस्ट में सबसे पहला नाम एनटार्कटिका का है. बता दें, साल 1961 में दुनिया के 12 देशों ने एनटार्कटिका को वैज्ञानिक रिसर्च की जगह माना था जिस वजह से यहां पर किसी भी तरह की सैन्य गतिविधी नहीं होती है. इस संधी के तहत अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, चिली, फ्रांस, जापान, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, साउथ अफ्रीका, सोवियत संघ, यूनाइटेड किंगडम, यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका और बाद में चीन, ब्राजील, जर्मनी, उत्तर कोरिया और पोलैंड ने हस्ताक्षर किए थे. यानी दुनिया का कोई भी देश इस जगह पर हमला नहीं करेगा.</p> <h2><strong>कोलोराडो</strong></h2> <p>साल 1966 में रूसी न्यूक्लियर हमले, बैलिस्टिक मिसाइल, और लॉन्ग रेंज सोवियत बॉम्बर्स से बचने के लिए अमेरिका के कोलोराडो (Colorado, USA) में Cheyenne पहाड़ पर एक विशाल बंकर का निर्माण किया गया था. यहां अब नॉर्थ अमेरिकन एरोस्पेस डिफेंस कमांड और यूनाइटे स्टेट्स नॉर्दर्न कमांड हेडक्वार्टर है जिससे पूरी दुनिया पर नज़र रखी जा सकती है और ये जगह परमाणु हमलों से दूर सुरक्षित है.</p> <h2><strong>आइसलैंड</strong></h2> <p>आइसलैंड (Iceland) पहाड़ों और बर्फ के बीच छिपने की सबसे सही जगह होगी. इस देश की सरकार न्यूट्रल है और जनसंख्या काफी कम है. साथ ही इस देश ने खुद को अंतरराष्ट्रीय मुद्दों से भी दूर रखा है.</p> <h2> <strong>गुआम आइलैंड</strong></h2> <p>प्रशांत महासागर का गुआम आइलैंड (Guam), युनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका का ही एक क्षेत्र है जो स्वशासी है. 1.6 लाख की आबादी वाला यह छोटा सा देश अपनी 1300 लोगों की छोटी सी आर्मी रखता है जिसमें 280 लोग ही फुल टाइम काम करते हैं. इस देश पर कोई देश कभी हमला नहीं कर सकता है. इसलिए ये भी काफी सुरक्षित जगह है.</p> <h2><strong>पर्थ</strong></h2> <p>पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया की राजधानी पर्थ भी इस लिस्ट का हिस्सा है क्योंकि इस इलाके को राजनीतिक मुद्दों से दूर रखा गया है. इस जगह की आबादी 20 लाख से ज्यादा है और कई लोग यहां रह सकते हैं. अंग्रेज, स्कॉटिश, वेल्श मूल की मिली जुली आबादी यहां रहती है.</p> <h2><strong>इजरायल</strong></h2> <p>भारत का सबसे अच्छा दोस्त इजरायल इस लिस्ट का हिस्सा है. दोनों देशों में राजनीतिक स्तर पर रिश्ते मजबूत हैं. भारत से सबसे नजदीकी रिश्ता रखने वाले इस देश को भी इस लिस्ट में शामिल किया गया है क्योंकि दुनिया के कई धर्मों के प्रमुख धार्मिक स्थल यहां मौजूद हैं, इसलिए यहां परमाणु हमला होने की सबसे कम गुंजाइश है.</p> <p><strong><a href="https://www.inkhabar.com/national/subramanian-swamy-on-gdp-sharp-decline-5-percent-bjp-rajya-sabha-mp-said-say-goodbye-to-5-trillion-dollar-economy-government-has-no-boldness-no-knowledge">Subramanian Swamy on GDP Sharp Decline 5 Percent: जीडीपी के आंकड़ो पर बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी बोले, 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था भूल जाओ, सरकार के पास ना साहस है ना ज्ञान</a></strong></p> <p><strong><a href="https://www.inkhabar.com/national/government-banks-merger-rules-consumers-how-bank-merger-will-impact-you-procedure-of-transfer-of-bank-account-and-other-details-in-hindi">Government Banks Merger Rules Consumers: सरकारी बैंकों के विलय से आम खाताधारक पर क्या पड़ेगा फर्क, जानें आपके बैंक खाते का क्या होगा</a></strong></p>
This XML file does not appear to have any style information associated with it. The document tree is shown below.
<rss xmlns:ag="http://purl.org/rss/1.0/modules/aggregation/" xmlns:annotate="http://purl.org/rss/1.0/modules/annotate/" xmlns:app="http://www.w3.org/2007/app" xmlns:atom="http://www.w3.org/2005/Atom" xmlns:company="http://purl.org/rss/1.0/modules/company" xmlns:content="http://purl.org/rss/1.0/modules/content/" xmlns:dc="http://purl.org/dc/elements/1.1/" xmlns:dcterms="http://purl.org/dc/terms/" xmlns:email="http://purl.org/rss/1.0/modules/email/" xmlns:ev="http://purl.org/rss/1.0/modules/event/" xmlns:rdf="http://www.w3.org/1999/02/22-rdf-syntax-ns#" xmlns:rdfs="http://www.w3.org/2000/01/rdf-schema#" xmlns:ref="http://purl.org/rss/1.0/modules/reference/" xmlns:taxo="http://purl.org/rss/1.0/modules/taxonomy/" xmlns:atom10="http://www.w3.org/2005/Atom" version="2.0">
<channel>
<title>Today antarctica News | Latest antarctica News | Breaking antarctica News in English | Latest antarctica News Headlines - Inkhabar</title>
<description>आज का antarctica समाचार:Today antarctica News ,Latest antarctica News,Aaj Ka Samachar ,antarctica समाचार ,Breaking antarctica News in Hindi, Latest News Headlines - Inkhabar</description>
<link>https://www.inkhabar.com/tag/antarctica</link>
<lastBuildDate>December 16, 2024, 10:58 am</lastBuildDate>
<copyright>Inkhabar</copyright>
<generator>Inkhabar</generator>
<language>hi</language>
<image>
<url>https://www.inkhabar.com/wp-content/themes/inkhabar/images/inkhbar-logo.png</url>
<title>Inkhabar</title>
<link>https://www.inkhabar.com/</link>
<description>Feed provided by Inkhabar.</description>
</image>
<item>
<title>200 साल में अंटार्कटिका का ग्लेशियर हो जाएगा गायब, वैज्ञानिकों की चौंकाने वाली भविष्यवाणी से मचा हड़कंप!</title>
<link>https://www.inkhabar.com/khabar-jara-hatkar/antarctica-huge-glacier-will-disappear-in-200-year-scientists-shocking-prediction-creates-stir/</link>
<pubDate>September 29, 2024, 10:50 pm</pubDate>
<image>wp-content/uploads/2024/09/Antarctica-Glacier-Melting.webp</image>
<category>खबर जरा हटकर</category>
<excerpt>धरती पर कुछ ऐसी चीजें हैं जो इंसानों को सूरज की खतरनाक गर्मी से बचा रही हैं, उनमें से एक है अंटार्कटिका का विशाल ग्लेशियर. यह हमारे ग्रह </excerpt>
<content><p><strong>नई दिल्ली:</strong> धरती पर कुछ ऐसी चीजें हैं जो इंसानों को सूरज की खतरनाक गर्मी से बचा रही हैं, उनमें से एक है अंटार्कटिका का विशाल ग्लेशियर. यह हमारे ग्रह के लिए बेहद अहम है, लेकिन हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है. अंटार्कटिका का एक बहुत बड़ा ग्लेशियर, जिसे ‘डूम्सडे ग्लेशियर’ के नाम से जाना जाता है, अगले 200 से 900 साल के बीच पूरी तरह पिघल सकता है. इस ग्लेशियर का आकार अमेरिका के फ्लोरिडा राज्य जितना है और इसे थ्वाइट्स ग्लेशियर भी कहते हैं.</p> <h2><strong>ग्लेशियर के पिघलने की वजह क्या है?</strong></h2> <p>ग्लेशियर के पिघलने की सबसे बड़ी वजह ग्लोबल वार्मिंग यानी धरती का बढ़ता तापमान है. जैसे-जैसे तापमान बढ़ रहा है, ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं. इसके अलावा, गर्म समुद्री पानी ग्लेशियर को नीचे से पिघला रहा है, जिससे वह कमजोर हो रहा है और टूट रहा है.</p> <p><img loading="lazy" decoding="async" class="aligncenter" src="https://akm-img-a-in.tosshub.com/indiatoday/images/story/202201/doomsday_glacier.jpg?size=1200:675" alt="Why Antarctica's 'Doomsday' glacier could lead to catastrophic sea-level rise? - India Today" width="820" height="461" /></p> <h2><strong>खतरा कितना बड़ा है?</strong></h2> <p>अगर यह ग्लेशियर पूरी तरह से पिघल जाता है तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं. इससे समुद्र का स्तर कई मीटर तक बढ़ सकता है, जिससे दुनियाभर के तटीय इलाके पानी में डूब सकते हैं. इसका मतलब है कि लाखों लोगों को अपने घर छोड़ने पड़ेंगे. साथ ही, मौसम में भी भारी बदलाव हो सकता है, जिससे दुनियाभर में मौसम अनिश्चित हो जाएगा. कई द्वीप और तटीय इलाके डूब सकते हैं, जिससे जानवरों और पौधों की कई प्रजातियां विलुप्त हो सकती हैं.</p> <p><img loading="lazy" decoding="async" class="aligncenter" src="https://www.leftvoice.org/wp-content/uploads/2021/12/melting-glacier-scaled-1.jpeg" alt="Doomsday” Glacier Is Melting, Accelerating Sea Level Rise - Left Voice" width="596" height="397" /></p> <h2><strong>क्या कहती है ताजा रिसर्च?</strong></h2> <p>नेचर जर्नल में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन के अनुसार, अगर वैश्विक तापमान में 2 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होती है, तो अंटार्कटिका का बर्फीला हिस्सा तेजी से पिघलने लगेगा. यह स्थिति काफी गंभीर हो सकती है और दुनिया के कई हिस्सों को बुरी तरह प्रभावित कर सकती है.</p> <h2><strong>कैसे बचा सकते हैं इस संकट से?</strong></h2> <p>इस संकट को रोकने के लिए सबसे जरूरी है कि ग्लोबल वार्मिंग को काबू किया जाए. हमें जीवाश्म ईंधन (कोयला, तेल) का उपयोग कम करना होगा और स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों, जैसे सौर और पवन ऊर्जा, को अपनाना होगा. इसके साथ ही, वैज्ञानिकों को भी ग्लेशियर पर और रिसर्च करनी होगी ताकि इसे पिघलने से रोका जा सके. इस संकट से निपटने के लिए सभी देशों को एकजुट होकर काम करने की जरूरत है.</p> <p><strong>नतीजा साफ है:</strong> अगर अब कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले 200 सालों में अंटार्कटिका का विशाल ग्लेशियर पूरी तरह खत्म हो सकता है, जिससे धरती पर जीवन अस्त-व्यस्त हो जाएगा.</p> <p>&nbsp;</p> <p>ये भी पढ़े: <a href="https://www.inkhabar.com/khabar-jara-hatkar/turkish-tiktok-influencer-model-kubra-aykut-died-by-suicide-by-jumping-from-fifth-floor/">26 साल की उम्र में खुद से शादी करने वाली मॉडल ने की खुदकुशी! पांचवीं मंजिल से कूद कर दी जान</a></p> <p>ये भी पढ़े: <a href="https://www.inkhabar.com/khabar-jara-hatkar/heaviest-natural-element-on-earth-whose-density-is-greater-than-that-of-gold-and-uranium/">जानिए पृथ्वी पर सबसे भारी प्राकृतिक तत्व, जिसका घनत्व सोना और यूरेनियम से भी ज्यादा!</a></p> </content>
</item>
<item>
<title>Research: वायुमंडलीय नदियों ने अंटार्कटिक में उड़ाए होश , 100 वर्षों में सबसे दुर्लभ घटना</title>
<link>https://www.inkhabar.com/khabar-jara-hatkar/atmospheric-rivers-were-responsible-for-extreme-heat-in-antarctica-in-march-2022-and-much-of-the-region-atmospheric-rivers/</link>
<pubDate>February 6, 2024, 8:15 am</pubDate>
<image>wp-content/uploads/2024/02/download-72-300x169.png</image>
<category>खबर जरा हटकर</category>
<excerpt>नई दिल्ली: मार्च 2022 में अंटार्कटिका में अत्यधिक गर्मी के लिए वायुमंडलीय नदियां ज़िम्मेदार थीं, और क्षेत्र के अधिकांश हिस्सों में तापमान सामान्य से 40 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ गया, जिससे ये रिकॉर्ड पर दुनिया की सबसे तेज़ गर्मी बन गई और यहां अब त...</excerpt>
<content><p><strong>नई दिल्ली:</strong> मार्च 2022 में अंटार्कटिका में अत्यधिक गर्मी के लिए वायुमंडलीय नदियां ज़िम्मेदार थीं, और क्षेत्र के अधिकांश हिस्सों में तापमान सामान्य से 40 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ गया, जिससे ये रिकॉर्ड पर दुनिया की सबसे तेज़ गर्मी बन गई और यहां अब तापमान माइनस 40-50 डिग्री सेल्सियस रहता है. ये एक मौजूदा वैश्विक अध्ययन से पता चलता है कि टीम का नेतृत्व स्विस जलवायु विज्ञानी जोनाथन विलेट ने किया. बता दें कि इस अध्ययन में भारत में 33 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र पर गर्मी की लहरों का प्रभाव भी देखा गया था.</p> <h4><strong>समुद्री बर्फ की मात्रा रिकॉर्ड से हुई कम सबसे दुर्लभ घटना<img decoding="async" src="https://cdn.britannica.com/s:1920x1080,c:crop,q:80/08/135708-050-2346C1CF.jpg" alt="अंटार्कटिका - ब्रिटानिका स्कूल" /></strong></h4> <p>बता दें कि नेशनल ओशनिक एंड एटमोस्फियरिक एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक वायुमंडलीय नदियां वायुमंडल में जलवाष्प वाला वो क्षेत्र है जिसे आकाशीय नदियों के रूप में जाना जाता है, और ये नदियां अधिकांश जल वाष्प को उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के बाहर ले जाती हैं. साथ ही वायुमंडलीय नदियां आकार और ताकत में काफी अलग-अलग भी हो सकती हैं, और औसत वायुमंडलीय नदी मिसिसिपी नदी के मुहाने पर पानी के औसत प्रवाह के एकदम बराबर जल वाष्प की मात्रा की ओर ले जाती है और असाधारण रूप से मजबूत वायुमंडलीय नदियां उस मात्रा से 15 गुना तक तेज़ हो सकती हैं. दरअसल जब वायुमंडलीय नदियां जब जमीन से टकराती हैं तो वो हमेशा इस जलवाष्प को बारिश और बर्फ के रूप में छोड़ती हैं.</p> <h4><strong>100 वर्षों में सबसे दुर्लभ घटना</strong></h4> <p>वैज्ञानिको के मुताबिक इस घटना के कारण तटीय क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर सतह पिघल गई और समुद्री बर्फ की मात्रा रिकॉर्ड रूप से काफी कम हो गई, और इसके साथ ही ये माना जाता है कि वायुमंडलीय नदी के पश्चिम में एक अतिरिक्त उष्णकटिबंधीय चक्रवात कांगर आइस शेल्फ के अंतिम पतन का कारण बना है, जो पहले से ही गंभीर रूप से काफी अस्थिर था और पूर्वी अंटार्कटिका का कांगर बर्फ शेल्फ रोम के आकार का एक तैरता हुआ हिमखंड था. बता दें कि अध्ययनकर्ता डॉ. टॉम ब्रेसगर्डल के मुताबिक दुनिया भर में अत्यधिक तापमान और मौसम की घटनाएं काफी बड़े अंतर से रिकॉर्ड तोड़ रही हैं, ये घटना100 साल में होने वाली एक दुर्लभ घटना मानी जा रही है.</p> <p><a href="https://www.inkhabar.com/entertainment/malvi-malhotra-is-one-of-the-most-popular-actresses-of-south-cinema-he-soon-made-his-name-in-the-south-film-industry">Malvi Malhotra: साउथ एक्ट्रेस मालवी मल्होत्रा ​​ने विक्रम भट्ट पर लगाया धोखाधड़ी काआरोप, जानें पूरा मामला</a></p> </content>
</item>
<item>
<title>परमाणु जंग छिड़ी तो भी सबसे सुरक्षित रहेंगी दुनिया की ये 6 जगहें</title>
<link>https://www.inkhabar.com/khabar-jara-hatkar/top-6-safest-place-on-earth-in-nuclear-war/</link>
<pubDate>October 6, 2022, 10:35 pm</pubDate>
<image>wp-content/uploads/2022/10/download-18-2-300x169.png</image>
<category>खबर जरा हटकर</category>
<excerpt>नई दिल्ली : रूस और यूक्रेन के युद्ध से पूरी दुनिया डरी हुई है. दुनिया को एक बार फिर परमाणु युद्ध छिड़ने की आशंका है. जानकारों का मानना है कि यदि दोनों देश इसी तरह से जंग पर अड़े रहे तो रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन परमाणु हमला (Nuclear attack) ...</excerpt>
<content><p><strong>नई दिल्ली :</strong> रूस और यूक्रेन के युद्ध से पूरी दुनिया डरी हुई है. दुनिया को एक बार फिर परमाणु युद्ध छिड़ने की आशंका है. जानकारों का मानना है कि यदि दोनों देश इसी तरह से जंग पर अड़े रहे तो रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन परमाणु हमला (Nuclear attack) भी कर सकते हैं. यदि ऐसा कुछ भी हुआ तो दुनिया में तबाही मच जाएगी क्योंकि यूक्रेन के साथ सुपर पावर कहलाने वाला देश अमेरिका है और वह चुप नहीं बैठेगा.</p> <p>इसी स्थिति ने पूरी दुनिया के दिलों में दहशत भर दी है. लेकिन एक सवाल ये भी है कि अगर दुनिया परमाणु युद्ध से गुज़रती है तो वो कौन सी जगह होगी जो सबसे ज़्यादा सुरक्षित रहेगी. इस सवाल का जवाब इसलिए जरूरी है क्योंकि धरती के परमाणु युद्ध के मुहाने पर खड़े होने से भारतवासियों को भी जान का खतरा है.</p> <h2> <strong>एनटार्कटिका</strong></h2> <p>इस लिस्ट में सबसे पहला नाम एनटार्कटिका का है. बता दें, साल 1961 में दुनिया के 12 देशों ने एनटार्कटिका को वैज्ञानिक रिसर्च की जगह माना था जिस वजह से यहां पर किसी भी तरह की सैन्य गतिविधी नहीं होती है. इस संधी के तहत अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, चिली, फ्रांस, जापान, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, साउथ अफ्रीका, सोवियत संघ, यूनाइटेड किंगडम, यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका और बाद में चीन, ब्राजील, जर्मनी, उत्तर कोरिया और पोलैंड ने हस्ताक्षर किए थे. यानी दुनिया का कोई भी देश इस जगह पर हमला नहीं करेगा.</p> <h2><strong>कोलोराडो</strong></h2> <p>साल 1966 में रूसी न्यूक्लियर हमले, बैलिस्टिक मिसाइल, और लॉन्ग रेंज सोवियत बॉम्बर्स से बचने के लिए अमेरिका के कोलोराडो (Colorado, USA) में Cheyenne पहाड़ पर एक विशाल बंकर का निर्माण किया गया था. यहां अब नॉर्थ अमेरिकन एरोस्पेस डिफेंस कमांड और यूनाइटे स्टेट्स नॉर्दर्न कमांड हेडक्वार्टर है जिससे पूरी दुनिया पर नज़र रखी जा सकती है और ये जगह परमाणु हमलों से दूर सुरक्षित है.</p> <h2><strong>आइसलैंड</strong></h2> <p>आइसलैंड (Iceland) पहाड़ों और बर्फ के बीच छिपने की सबसे सही जगह होगी. इस देश की सरकार न्यूट्रल है और जनसंख्या काफी कम है. साथ ही इस देश ने खुद को अंतरराष्ट्रीय मुद्दों से भी दूर रखा है.</p> <h2> <strong>गुआम आइलैंड</strong></h2> <p>प्रशांत महासागर का गुआम आइलैंड (Guam), युनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका का ही एक क्षेत्र है जो स्वशासी है. 1.6 लाख की आबादी वाला यह छोटा सा देश अपनी 1300 लोगों की छोटी सी आर्मी रखता है जिसमें 280 लोग ही फुल टाइम काम करते हैं. इस देश पर कोई देश कभी हमला नहीं कर सकता है. इसलिए ये भी काफी सुरक्षित जगह है.</p> <h2><strong>पर्थ</strong></h2> <p>पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया की राजधानी पर्थ भी इस लिस्ट का हिस्सा है क्योंकि इस इलाके को राजनीतिक मुद्दों से दूर रखा गया है. इस जगह की आबादी 20 लाख से ज्यादा है और कई लोग यहां रह सकते हैं. अंग्रेज, स्कॉटिश, वेल्श मूल की मिली जुली आबादी यहां रहती है.</p> <h2><strong>इजरायल</strong></h2> <p>भारत का सबसे अच्छा दोस्त इजरायल इस लिस्ट का हिस्सा है. दोनों देशों में राजनीतिक स्तर पर रिश्ते मजबूत हैं. भारत से सबसे नजदीकी रिश्ता रखने वाले इस देश को भी इस लिस्ट में शामिल किया गया है क्योंकि दुनिया के कई धर्मों के प्रमुख धार्मिक स्थल यहां मौजूद हैं, इसलिए यहां परमाणु हमला होने की सबसे कम गुंजाइश है.</p> <p><strong><a href="https://www.inkhabar.com/national/subramanian-swamy-on-gdp-sharp-decline-5-percent-bjp-rajya-sabha-mp-said-say-goodbye-to-5-trillion-dollar-economy-government-has-no-boldness-no-knowledge">Subramanian Swamy on GDP Sharp Decline 5 Percent: जीडीपी के आंकड़ो पर बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी बोले, 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था भूल जाओ, सरकार के पास ना साहस है ना ज्ञान</a></strong></p> <p><strong><a href="https://www.inkhabar.com/national/government-banks-merger-rules-consumers-how-bank-merger-will-impact-you-procedure-of-transfer-of-bank-account-and-other-details-in-hindi">Government Banks Merger Rules Consumers: सरकारी बैंकों के विलय से आम खाताधारक पर क्या पड़ेगा फर्क, जानें आपके बैंक खाते का क्या होगा</a></strong></p> </content>
</item>
</channel>
</rss>