नई दिल्ली: बेंगलुरु में जीका वायरस के पांच मामले सामने आए हैं, जिसको लेकर चिंता बढ़ गई है। कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू ने रविवार को जानकारी दी कि 4 अगस्त से 15 अगस्त के बीच बेंगलुरु के जिगनी इलाके में ये मामले दर्ज किए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि जीका वायरस […]
नई दिल्ली: बेंगलुरु में जीका वायरस के पांच मामले सामने आए हैं, जिसको लेकर चिंता बढ़ गई है। कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू ने रविवार को जानकारी दी कि 4 अगस्त से 15 अगस्त के बीच बेंगलुरु के जिगनी इलाके में ये मामले दर्ज किए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि जीका वायरस के लक्षण सामान्य होते हैं और इसका उपचार डेंगू के इलाज की तरह ही किया जाता है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जब जीका वायरस का पहला मामला सामने आया, तो तुरंत ही आसपास के इलाकों में परीक्षण किए गए। इसके बाद संक्रमण के पांच और मामलों की पुष्टि हुई। इसके मद्देनज़र, प्रभावित इलाकों में कंटेनमेंट ज़ोन बनाए गए हैं ताकि वायरस का प्रसार रोका जा सके। इससे पहले, जुलाई में महाराष्ट्र में भी जीका वायरस के छह मामले सामने आए थे, जिनमें दो गर्भवती महिलाएं भी शामिल थीं।
जीका वायरस एडीज़ मच्छरों के काटने से फैलता है, जो कि डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों के लिए भी जिम्मेदार होते हैं। यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर उसे बीमार कर देता है। जीका वायरस से संक्रमित व्यक्ति को बुखार, सिरदर्द, आंखों में लाली, शरीर पर चकत्ते, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं। आमतौर पर इसके लक्षण लगातार सात दिनों तक बने रहते हैं। वहीं इस संक्रमण का पता लगाने के लिए खून और यूरिन की जांच की जाती है।
जीका वायरस से बचने के लिए उन्हीं उपायों का पालन किया जाना चाहिए, जो डेंगू जैसी बीमारियों से बचाव के लिए अपनाए जाते हैं। इसे बचने के लिए मच्छरों के पनपने वाले स्थानों पर पानी न जमने दें, पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें, और संक्रमित क्षेत्रों में जाने से बचें। इसके अलावा, अपने खान-पान का भी विशेष ध्यान रखें।
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