लखनऊ। योगी कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश में DGP के चयन को लेकर नए नियमों को कल मंजूरी दे दी। इसमें यह तय किया गया कि नए डीजीपी का कार्यकाल दो साल का होगा। इसी को लेकर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सीएम योगी पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि ये नियम बनाने वाले खुद दो साल यहां रहेंगे या नहीं।
अखिलेश ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि सुना है किसी बड़े अधिकारी को स्थायी पद देने और और उसका कार्यकाल 2 साल बढ़ाने की व्यवस्था बनायी जा रही है। सवाल ये है कि व्यवस्था बनानेवाले ख़ुद 2 साल रहेंगे या नहीं। कहीं ये दिल्ली के हाथ से लगाम अपने हाथ में लेने की कोशिश तो नहीं है। दिल्ली बनाम लखनऊ 2.0…
सुना है किसी बड़े अधिकारी को स्थायी पद देने और और उसका कार्यकाल 2 साल बढ़ाने की व्यवस्था बनायी जा रही है… सवाल ये है कि व्यवस्था बनानेवाले ख़ुद 2 साल रहेंगे या नहीं।
कहीं ये दिल्ली के हाथ से लगाम अपने हाथ में लेने की कोशिश तो नहीं है।
दिल्ली बनाम लखनऊ 2.0
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 5, 2024
योगी कैबिनेट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को कैबिनेट के फैसले में बदल दिया है। कहा जा रहा है कि यह प्रस्ताव प्रशांत कुमार को पूर्णकालिक डीजीपी बनाने के लिए लाया गया है। इसके बाद उन्हें दो साल का निश्चित कार्यकाल मिलेगा। DGP चुनने वाली कमेटी में मुख्य सचिव, UPSC की तरफ से नामित एक व्यक्ति, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या उनकी तरफ से नामित व्यक्ति, अपर मुख्य सचिव और एक रिटायर डीजीपी करेंगे।
जानकारी के मुताबिक डीजीपी का चयन सेवा अवधि ,अच्छे ट्रैक रिकॉर्ड और अनुभव की सीमा के आधार पर किया जाएगा। नया DGP उसी को बनाया जाएगा जिसकी कम से कम 6 महीने नौकरी बची हो। एक बार चुने जाने के बाद वो दो साल तक अपने पद पर रहेंगे। अगर नियुक्त डीजीपी किसी आपराधिक मामले में या फिर अपने कर्तव्यों का पालन करने में असफल रहते हैं तो उन्हें दो साल कार्यकाल पूरा होने से पहले ही सरकार हटा सकती है।
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