लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार 50 हजार से एक लाख की आबादी वाले शहरों के सुनियोजित विकास के लिए मास्टर प्लान तैयार करने जा रही है। अमृत-2 में छोटे विनियमित क्षेत्रों का मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा। भविष्य में मास्टर प्लान में तय किए गए भू-उपयोग के आधार पर ही नक्शा पास […]
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार 50 हजार से एक लाख की आबादी वाले शहरों के सुनियोजित विकास के लिए मास्टर प्लान तैयार करने जा रही है। अमृत-2 में छोटे विनियमित क्षेत्रों का मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा। भविष्य में मास्टर प्लान में तय किए गए भू-उपयोग के आधार पर ही नक्शा पास किया जाएगा।
इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को गांवों से शहरों की ओर पलायन करने से रोकना है। आवास विभाग पहले चरण में अमृत योजना से जुड़े 59 शहरों के लिए मास्टर प्लान तैयार कर रहा है, जो अब पूरा होने वाला है। दूसरे चरण में 63 शहरों के लिए भी मास्टर प्लान तैयार करने की तैयारी है। प्लान तैयार होने के बाद उसी के अनुसार भवन निर्माण की अनुमति दी जाएगी और नक्शा पास किया जाएगा।
मास्टर प्लान बनने के बाद विकास प्राधिकरणों की तर्ज पर इन शहरों में भी भवन विकास उपविधि बनानी होगी। इसे बनाने की जिम्मेदारी इन शहरों की संबंधित नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायतों की होगी। इसमें उन्हें एक प्रावधान बनाना होगा, जिसके आधार पर नक्शा पास होगा। घनी आबादी, मिश्रित आबादी और शहर के बाहरी इलाकों के लिए अलग-अलग मानक होंगे। इसी आधार पर नक्शा पास होगा और उतना ही निर्माण हो सकेगा।
अभी बोर्ड स्तर पर नक्शा पास होता है, जिन शहरों में विकास प्राधिकरण नहीं है, वहां नगर निकायों के बोर्ड के नियमानुसार नक्शा पास होता है। इसमें भू-उपयोग व फ्लोर एरिया रेशियो का कोई ध्यान नहीं रखा जाता। ऐसे में बड़े नक्शे पास करने में खूब मनमानी होती है।
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