उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए बड़ा कदम उठाया है। 24 साल बाद संस्कृत स्कूल और कॉलेज
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए बड़ा कदम उठाया है। 24 साल बाद संस्कृत स्कूल और कॉलेज के छात्रों की स्कॉलरशिप में बढ़ोतरी की गई है। इस फैसले का मकसद संस्कृत विद्यार्थियों को वित्तीय सहायता देकर उनकी शिक्षा को प्रोत्साहित करना है।
अब कक्षा 6 और 7 के विद्यार्थियों को 50 रुपये प्रतिमाह और कक्षा 8 के लिए 75 रुपये प्रतिमाह की दर से स्कॉलरशिप मिलेगी। कक्षा 9 और 10 के लिए 100 रुपये, कक्षा 11 और 12 (उत्तर मध्यमा) के लिए 150 रुपये और इंटरमीडिएट के लिए 200 रुपये प्रतिमाह की स्कॉलरशिप दी जाएगी। ग्रेजुएशन के छात्रों को 250 रुपये प्रतिमाह की दर से स्कॉलरशिप मिलेगी।
संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए योगी कैबिनेट की बैठक में यह अहम फैसला लिया गया। मंगलवार (27 अगस्त) को लोक भवन में हुई इस कैबिनेट मीटिंग में करीब एक घंटे तक चर्चा चली। बैठक के बाद यह घोषणा की गई कि संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है और इसे प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है।
इस कैबिनेट मीटिंग में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ दोनों डिप्टी सीएम, केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक भी मौजूद रहे। साथ ही सभी कैबिनेट मंत्री भी बैठक का हिस्सा थे। कुल 14 प्रस्तावों में से 13 को मंजूरी दी गई।
इस फैसले से संस्कृत स्कूल और कॉलेज के छात्रों को वित्तीय मदद मिलेगी। अब कक्षा 1 से लेकर ग्रेजुएशन तक के विद्यार्थियों को 50 से 250 रुपये तक की मासिक स्कॉलरशिप मिलेगी। खास बात यह है कि अब इस स्कॉलरशिप के लिए आय वर्ग की शर्त भी हटा दी गई है। इससे संस्कृत शिक्षा को प्रोत्साहन मिलेगा और छात्रों को पढ़ाई में सहायता मिलेगी।
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