लखनऊ. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने राज्य कर्मचारियों को झटका देते हुए परिवार नियोजन समेत 6 भत्तों को तत्काल प्रभाव से खत्म कर दिया है. सभी भत्तों में सबसे ज्यादा रकम परिवार नियोजन भत्ते के तौर पर दी जाती है. राज्य कर्मचारियों को परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत प्रति माह 250 से 650 रुपए मिलते हैं. राज्य की बीजेपी सरकार के सूत्रों के अनुसार, भत्तों को खत्म करने से हर साल 500 करोड़ रुपए की बचत होगी. मंगलवार को कैबिनेट की बैठक के बाद गुरुवार को उपर मुख्य सचिव वित्त संजीव मित्तल ने शासनादेश जारी कर यह जानकारी दी.
गौरतलब मंगलवार को सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता वाली कैबिनेट मीटिंग के दौरान परिवार नियोजन समेत द्विभाषी प्रोत्साहन भत्ता, स्नातकोत्तर भत्ता, कैश हैंडलिंग भत्ता, परियोजना भत्ता ( सिंचाई विभाग) और कंप्यूटर संचालन प्रोत्साहन भत्ते को खत्म करने का प्रस्ताव दिया था. जिसके बाद बिना किसी जानकारी दिए सरकार ने सीधे इसका शासनादेश जारी कर दिया.
उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले से कर्मचारी संगठन नाराज चल रहा है. उत्तर प्रदेश सचिवालय संघ के अध्यक्ष यादवेंद्र मिश्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री सीमित परिवार को देशभक्त परिवार कहते हैं. प्रदेश सरकार का यह फैसला जनसंख्या को बढ़ाने वाला है. देश और प्रदेश के हित में लिया गया सरकार का फैसला गलत है जो की राज्य कर्मचारियों पर कुठारघाट है.
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