लखनऊ। यूपी में भर और राजभर जातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने के मामले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में मंगलवार को सुनवाई हुई। इसपर सुनवाई के दौरान प्रदेश सरकार ने उच्च न्यायालय से मोहलत मांगी है। इससे पहले भी अदालत ने राज्य सरकार को दो महीने का समय दिया था। एक बार फिर से कोर्ट ने राज्य सरकार को दो महीने का अतिरिक्त समय दिया।

पहले भी मिल चुका है समय

हालांकि उच्च न्यायालय ने सुनवाई के दौरान राज्य सरकार से पूछा कि क्या इसके बाद आप समय नहीं मांगेंगे। कोर्ट ने प्रदेश सरकार को विचार कर निर्णय लेने के लिए अक्टूबर में दो महीने का अतिरिक्त समय दिया था। अब मंगलवार को जब सुनवाई शुरू हुई तो राज्य सरकार की तरफ से ज्वाइंट डायरेक्टर ने फिर से दो महीने का समय मांगा है। इसपर न्यायालय ने पूछा- क्या ये अंतिम बार होगा इसके बाद समय नहीं मांगेंगे।

4 जनवरी को फिर सुनवाई

सरकारी वकील ने जानकारी के लिए मोहलत मांगी है, इसपर अदालत ने वकील से 4 जनवरी को बताने के लिए कहा है। अब 4 जनवरी को ही मामले की अगली सुनवाई होगी। बता दें कि कोर्ट जागो राजभर जागो समिति की अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रहा है। इस केस की सुनवाई जस्टिस विकास की सिंगल बेंच में हुई है। हालांकि सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर लगातार भर तथा राजभर जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग करते रहे हैं।