नई दिल्ली: यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है. यमुना में खतरे का निशान 204.50 मीटर है और दोपहर 1 बजे तक यमुना का जलस्तर 204.63 मीटर दर्ज किया गया है. दोपहर एक बजे 1,90,837 क्यूसेक पानी हथिनीकुंड बैराज से यमुना में फिर छोड़ा गया है. हथिनीकुंड बैराज से छोड़े […]
नई दिल्ली: यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है. यमुना में खतरे का निशान 204.50 मीटर है और दोपहर 1 बजे तक यमुना का जलस्तर 204.63 मीटर दर्ज किया गया है. दोपहर एक बजे 1,90,837 क्यूसेक पानी हथिनीकुंड बैराज से यमुना में फिर छोड़ा गया है. हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी के बाद ही दिल्ली सरकार के सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग ने बाढ़ की चेतावनी जारी की है.
बाढ़ की आशंका को देखते हुए दिल्ली सरकार ने सारी तैयारी कर ली है. मीडिया से बात करते हुए लोक निर्माण विभाग (PWD) मंत्री आतिशी ने बताया कि बाढ़ को लेकर दिल्ली सरकार की पूरी तैयारी है. पानी का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. पिछले 2 दिनों में ही पानी 8-10 फुट बढ़ चुका है. अगले 24 घंटे में 10-12 फुट पानी बढ़ने की उम्मीद है. दिल्ली सरकार ने कहा कि हमारा अनुमान है कि हमें करीब 30 हजार लोगों को निकालने की जरूरत पड़ेगी. इसके लिए हमारी पूरी तैयारी हो गई है.
उत्तर भारत में भारी बारिश से उत्पन्न हुई स्थिति पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह समय एक दूसरे पर उंगली उठाने का नहीं है. सभी प्रभावित राज्यों की सरकारों को जनता को राहत देने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है.
45 साल पहले यानी दिल्ली में 1978 में भयंकर बाढ़ आई थी. 1978 में हथिनी कुंड बैराज से एक बार में 224390 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था. उस साल यमुना का जलस्तर 207.49 मी. तक पहुंच गया था. 1978 के बाद दिल्ली में 2010 और 2013 में भी बाढ़ आई थी. 2007 और 13 में भी यमुना का जलस्तर 207 मीटर ऊपर तक पहुंच गया था.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का 74वां जन्मदिन आज, पीएम मोदी और अमित शाह ने दी बधाई