भोपाल: मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग ने राज्य सेवा-2023 के प्रीलिम्स एग्जाम में बड़ी गलती की है। इस मामले में छात्रों की याचिका पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने परीक्षा में पूछे गए विवादित सवालों के मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। उच्च न्यायालय ने मीडिया की आजादी से जुड़े एक सवाल को गलत मानते […]
भोपाल: मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग ने राज्य सेवा-2023 के प्रीलिम्स एग्जाम में बड़ी गलती की है। इस मामले में छात्रों की याचिका पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने परीक्षा में पूछे गए विवादित सवालों के मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। उच्च न्यायालय ने मीडिया की आजादी से जुड़े एक सवाल को गलत मानते हुए उसे डिलीट करने के निर्देश दिए हैं। वहीं एक दूसरा सवाल (कबड्डी संघ का मुख्यालय) के विषय में PSC द्वारा दिए गए जवाब ‘दिल्ली’ को गलत माना है। अदालत ने इसके जवाब ‘जयपुर’ को सही माना है।
हाई कोर्ट के जज विवेक अग्रवाल की बेंच ने अपने आदेश में राज्य वन सेवा के मेंस एग्जाम के लिए नई मेरिट सूची जारी करने के निर्देश दिए हैं। इस परीक्षा का आरंभ 30 जून से होना है। बता दें कि राज्य वन सेवा की मुख्य परीक्षा में शामिल होने के लिए कैंडिडेट्स को पीएससी प्रीलिम्स परीक्षा पास करना जरूरी है। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता अंशुल तिवारी ने बताया कि पीएससी-प्री परीक्षा में पूछे गए सवालों में से कुछ सवाल ऐसे हैं, जिन पर आपत्ति जताई गई थी। इसे लेकर स्टूडेंट्स की तरफ से 19 याचिकाएं मुख्यपीठ में दायर की गई थीं।
भोपाल के रहने वाले आनंद यादव ने राज्य सेवा परीक्षा, 2023 के प्रीलिम्स परीक्षा में पूछे गए तीन विवादित सवालों को चुनौती दी थी। फ्रीडम ऑफ प्रेस से जुड़ा सवाल, ग्रीन मफलर किस प्रदूषण से जुड़ा है और एमेच्योर कबड्डी संघ के हेडक्वार्टर से जुड़े सवालों पर आपत्ति जताई गई थी। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि चूंकि यह PIL नहीं है, इसलिए उन्हीं उम्मीदवारों के प्रकरणों पर विचार किया जाएगा, जिन्होंने आपत्ति पेश करते हुए याचिका दायर की है।
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