काले रंग को लेकर लोग अभी भी कमेंट पास कर देते हैं जबकि रंगभेद के विरोध में अफ्रीका में एक क्रांति हुई थी. मध्य प्रदेश में एक सरकार अध्यापिका अपने गोद लिए बच्चे को गोरा करने के लिए इतना परेशान थी कि उसने उसे काले पत्थर से घिसना शुरू कर दिया. हालांकि बच्चे को बचा लिया गया है.
भोपाल. रंगभेद को लेकर अफ्रीका में व्यापक तौर पर क्रांति हुई थी. इसके बाद भी रंगभेद के मामले सामने आते रहे हैं. काले रंग को लेकर आज भी लोगों को कई बार कमेंट्स का सामना करना पड़ता है. लेकिन जिस तरह का मामला मध्य प्रदेश से सामने आया है उसे पढ़कर आप सन्न रह जाएंगे. दरअसल एक मां गोद लिए बच्चे को गोरा करने के लिए पत्थर से घिसती थी. इस मामले की जानकारी पाकर पुलिस और चाइल्ड लाइन ने मिलकर उस 5 वर्षीय बच्चे को मां से बचा लिया है.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, चाइल्ड लाइन को सूचना मिली थी कि बच्चे को जिस महिला ने गोद लिया है वह उसे गोरा करने के लिए उसके शरीर को पत्थर से घिसती है. यह सूचना भी उस महिला भांजी ने ही चाइल्ड लाइन को दी थी. शिकायतकर्ता का नाम शोभना शर्मा है, उनकी मौसी सुधा तिवारी पेशे से सरकारी टीचर हैं. शोभना ने अपनी मौसी के बारे में चाइल्ड लाइन को सूचना दी थी कि उन्होंने उत्तराखंड स्थित मातृछाया से करीब डेढ़ साल पहले एक बच्चा गोद लिया था.
शोभना ने बताया कि सुधा तिवारी जिस दिन से बच्चे को भोपाल लाई थी, उस दिन से उसे बच्चे के काले रंग को लेकर परेशान थीं. उन्होंने उस बच्चे को गोरा करने के लिए काफी इलाज कराया लेकिन फायदा नहीं हुआ. करीब एक साल पहले उसे किसी ने बच्चे को काले रंग के पत्थर से घिसने की सलाह दी. महिला ने इसी पर अमल करते हुए बच्चे के शरीर को काले रंग के पत्थर से घिसना शुरू कर दिया. इससे बच्चे की कलाई, कंधे, पीठ और पैरों में घाव हो गए. बच्चे को मुक्त कराने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
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