नई दिल्ली : देपसांग और डेमचोक से भारत-चीन सैनिक वापस लौट गये हैं। मामले से वाकिफ लोगों ने बताया की भारतीय सशस्त्र बल सत्यापन कर रहे हैं। भारतीय सेना के सूत्रों ने बताया की दोनों पक्षों की और से जल्दी ही पेट्रोलिंग शुरू की जाएगी। ग्राउंड कमांडर बातचीत जारी रखेंगे। कल गुरुवार को दोनों पक्ष […]
नई दिल्ली : देपसांग और डेमचोक से भारत-चीन सैनिक वापस लौट गये हैं। मामले से वाकिफ लोगों ने बताया की भारतीय सशस्त्र बल सत्यापन कर रहे हैं। भारतीय सेना के सूत्रों ने बताया की दोनों पक्षों की और से जल्दी ही पेट्रोलिंग शुरू की जाएगी। ग्राउंड कमांडर बातचीत जारी रखेंगे। कल गुरुवार को दोनों पक्ष एक दुसरे को दिवाली की मिठाइयां बांटेंगे।
भारतीय और चीनी सैनिक अपनी-अपनी जगहों को खाली करने और बुनियादी ढांचे को हटाने की पुष्टि कर चुके हैं। विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने 21 अक्टूबर को घोषणा की थी की भारत और चीन में पूर्वी लद्दाख के पास एलएसी से सैनिकों की वापसी के लिए सहमति बन गई है। इस महत्वपूर्ण समझौते के बाद, दोनों देशों ने अगले ही दिन डेमचोक और देपसांग मैदानों में टकराव वाले दो बिंदुओं से सैनिकों को वापस बुलाना शुरू कर दिया।
भारतीय सेना के एक सूत्र ने बताया, “ताजा समझौता केवल देमचोक और डेमचोक के लिए ही मान्य होगा, अन्य स्थानों के लिए नहीं। यह समझौता अन्य संघर्ष क्षेत्रों पर लागू नहीं होगा। दोनों पक्षों के सैनिक अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति में लौट आएंगे और वे उन क्षेत्रों में गश्त करेंगे, जहां उन्होंने अप्रैल 2020 तक गश्त की थी।”
अप्रैल 2020 में वास्तविक नियंत्रण रेखा (वास्तविक सीमा) पर चीनी सैनिकों की आक्रामकता के कारण भारत और चीन के बीच संबंध बिगड़ गए थे। 15 जून 2020 को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी आक्रमण को विफल करते हुए 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने के बाद संबंध निम्न स्तर पर पहुंच गए थे। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए रवाना होने से पहले दोनों देशों के बीच इस समझौते की घोषणा की गई थी।
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