नई दिल्ली। बिहार में जातीय गणना के आंकड़े जारी होने के बाद अब उसके पड़ोसी राज्य झारखंड में भी जातीय जनगणना का रास्ता साफ हो गया है। सीएम चंपाई सोरेन ने इसकी मंजूरी दे दी है और कार्मिक विभाग के अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं कि इस मामले में प्रक्रिया में तेजी लाई जाए। […]
नई दिल्ली। बिहार में जातीय गणना के आंकड़े जारी होने के बाद अब उसके पड़ोसी राज्य झारखंड में भी जातीय जनगणना का रास्ता साफ हो गया है। सीएम चंपाई सोरेन ने इसकी मंजूरी दे दी है और कार्मिक विभाग के अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं कि इस मामले में प्रक्रिया में तेजी लाई जाए।
झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन भी जाति जनगणना के पक्ष में थे लेकिन इसकी जिम्मेदारी किस विभाग को दी जाए यह साफ नहीं हो पाया था। हालांकि अब कार्मिक विभाग को इसकी जिम्मेदारी सौंप दी गई है। बता दें कि बिहार में जातीय जनगणना हो चुकी है और इसके आंकड़े भी जारी किए जा चुके हैं। इसी के बाद से झारखंड में भी राजनीतिक दलों ने जाति जनगणना को लेकर दवाब बनाया था।
राज्य के नेताओं ने दलील दी थी कि बिहार की तरह झारखंड में भी साफ होना चाहिए कि किस जाति के कितने लोग प्रदेश में हैं। इसी के आधार पर ही हिस्सेदारी तय होनी चाहिए। यह मांग सदन के अंदर और बाहर लगातार उठ रही थी। बता दें कि इसमें झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के विधायक शामिल थे। हाल ही में झारखंड सरकार ने पिछड़ा आयोग का गठन भी किया है। पिछड़ी जातियों को सरकारी सेवाओं में 14 फीसदि आरक्षण को बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने का आग्रह भी किया गया। इससे संबंधित विधेयक विधानसभा से पारित हो चुका है लेकिन फिलहाल ये लंबित है।