चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी और कांग्रेस प्रचार-प्रसार में जुटी हुई है। दंगल जीतने के लिए जहां एक तरफ कांग्रेस ने जनता से 7 गारंटियों का वादा किया है वहीं दूसरी तरफ भाजपा ने 20 सूत्री संकल्प पत्र जारी किया है। चुनाव जीतने के लिए दोनों पार्टियों ने ‘मुफ्त के वादे’ की झड़ी लगा दी है। खासकर कांग्रेस ने कई सारे ऐसे वादे किये हैं, जिसमें मुफ्त की रेवड़ी ज्यादा है।
बीजेपी ने हरियाणा की महिलाओं को हर महीने 2,100 रुपए देने का वादा किया है। साथ ही गृहिणी योजना के तहत 500 रुपए में एलपीजी सिलेंडर दिया जायेगा। ग्रामीण क्षेत्र की छात्राएं जो कॉलेजों में पढ़ती हैं, उन्हें स्कूटर देगी। वहीं कांग्रेस ने 7 बड़े ऐलान किए हैं। दरअसल कर्नाटक में 5 गारंटियों वाली चुनावी रेवड़ी बांटकर कांग्रेस ने सरकार बना ली। तेलंगाना और हिमाचल कांग्रेस ने यहीं दांव खेला। अब पार्टी हरियाणा में 7 बड़ी गारंटी लेकर आई है।
कांग्रेस ने हरियाणा में 18 से 60 साल तक की महिलाओं को हर महीने दो हजार रुपए देने का वादा किया है। साथ ही 500 रुपए में सिलेंडर देने ऐलान किया है। 300 यूनिट तक बिजली फ्री, विधवा महिलाओं को 6 हजार पेंशन, बुजुर्गों को 6 हजार पेंशन, पुरानी पेंशन बहाल करने का वादा किया है। कांग्रेस इस तरह का हथकंडा हिमाचल प्रदेश में अपना चुकी है।
कांग्रेस की चुनावी रेवड़ियों की वजह से हिमाचल घनघोर वित्तीय संकट के दौर से गुजर रहा है। सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन देने का वादा करके आई कांग्रेस आज लोगों को उनका वेतन तक नहीं दे पा रही है। हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू और विधायक अपन सैलरी तक नहीं ले रहे हैं। सरकारी कर्मचारियों को वेतन कब मिलेगा उन्हें खुद नहीं पता। पेंशन मिलना भी लोगों को सपना लगने लगा है।
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ऐलान किया कि सरकारी खजाना खाली हो चुका है तो ऐसे में जनता को दी जाने वाली कई सब्सिटी पर फिर से विचार किया जा सकता है। सीएम सुक्खू ने विधानसभा में स्वीकार किया कि राज्य पर कर्ज का बोझ 90,000 करोड़ हो गया है। कर्नाटक में भी सिद्दारमैया सरकार के कई मंत्री दबाव डाल रहे हैं कि 5 गारंटियों पर फिर से विचार किया जाए। कर्नाटक में कांग्रेस ने सरकारी बसों में मुफ्त यात्रा का वादा किया था और आलम ये है कि राज्य सड़क परिवहन निगम ने महज तीन महीने के भीतर 295 करोड़ रुपए का संचालन घाटा सरकार को भेजा है।
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