लखनऊ। उत्तर प्रदेश बीजेपी में चल रही सियासी उठापठक किसी से छिपी नहीं है। योगी आदित्यनाथ और केशव प्रसाद मौर्य के बीच ठनी रार के बीच डिप्टी सीएम मुश्किल में फंस गए हैं। दरअसल मौर्य के एक बयान के खिलाफ इलाहबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर हुई है। डिप्टी सीएम ने संगठन को सरकार से बड़ा […]
लखनऊ। उत्तर प्रदेश बीजेपी में चल रही सियासी उठापठक किसी से छिपी नहीं है। योगी आदित्यनाथ और केशव प्रसाद मौर्य के बीच ठनी रार के बीच डिप्टी सीएम मुश्किल में फंस गए हैं। दरअसल मौर्य के एक बयान के खिलाफ इलाहबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर हुई है। डिप्टी सीएम ने संगठन को सरकार से बड़ा बताया था, जिससे आहत होकर एक व्यक्ति ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर केशव प्रसाद पर कार्रवाई की मांग कर दी।
मंजेश यादव नाम के अधिवक्ता ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य अपन बयानों से संवैधानिक पद की गरिमा, सरकार की पारदर्शिता और शुचिता पर सवाल उठाते हैं। ऐसे में उनके खिलाफ कड़ा एक्शन होना चाहिए। मंजेश की याचिका में यह भी कहा गया है कि मौर्य के खिलाफ 7 क्रिमिनल केस है। ऐसे में वो उनका किसी संवैधानिक पद पर नियुक्ति तकनीकी रूप से गलत है। उनको डिप्टी सीएम के पोस्ट पर नहीं होना चाहिए।
बता दें कि उत्तर प्रदेश बीजेपी में चल रही कलह के बीच केशव प्रसाद मौर्य ने कहा था कि संगठन सरकार से बड़ा होता है। उनके इस बयान से यूपी में सियासी भूचाल आ गया। मौर्य और योगी के बीच का मनमुटाव खुलकर सामने आ गया। विपक्ष भी इन सबके बीच खूब मजे ले रही है। केशव के बयानों का बीजेपी ने अब तक खंडन नहीं किया है।
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