जयपुर: पूरे देश में इस समय मौसम करवट बदल रहा है जहां अप्रैल महीने के शुरूआती दिनों में होने वाली बिन मौसम बरसात से बारिश-ओलावृष्टि की वजह से गेहूं समेत रबी की अन्य फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है. राजस्थान के चूरू जिले के किसान भी इस समय इसी समस्या से जूझ रहे हैं जहां […]
जयपुर: पूरे देश में इस समय मौसम करवट बदल रहा है जहां अप्रैल महीने के शुरूआती दिनों में होने वाली बिन मौसम बरसात से बारिश-ओलावृष्टि की वजह से गेहूं समेत रबी की अन्य फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है. राजस्थान के चूरू जिले के किसान भी इस समय इसी समस्या से जूझ रहे हैं जहां सभी किसानों की रबी की फसल बुरी तरह से प्रभावित हो गई है. इसके बाद इंसान अब मुआवजे की मांग करने लगे हैं. हालांकि उनकी मांग पर अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है.
अब इसी बात से नाराज़ किसान धरना प्रदर्शन पर उतर आए हैं जहां उन्होंने बिन मौसम बरसात के कारण बर्बाद होने वाली फसलों के लिए सरकार से मुआवजा देने की मांग की है. चूरू जिले के किसान बीमा क्लेम की मांग को लेकर भी सड़कों पर उतर आए हैं. चुरू जिले में रविवार यानी 23 अप्रैल को 6 सूत्रीय मांगों के साथ किसान टोल नाके पर कब्जा जमाए हुए हैं. हरियाणा, दिल्ली, से जुड़ने वाली सभी सड़कों को इस दौरान किसानों ने जाम कर दिया है। इतना ही नहीं इस दौरान किसानों ने मांग नहीं माने जाने पर उग्र आंदोलन करने की चेतावनी भी दे डाली है.
इसी कड़ी में रविवार (24 अप्रैल) को चूरू जिले की सभी सड़कों, हाईवे, कच्चे रास्तों और टोल प्लाजा पर किसानों ने कब्जा जमाए रखा. किसान इस दौरान अपनी बीमा क्लेम की मांगों को लेकर सड़कों पर जमे रहे. प्रदर्शन के दौरान किसानों ने सड़कों पर खाट-चारपाई बिछा दी और बैठ गए. किसान नेताओं का कहना है कि काफी लंबे समय से उनकी फसलें बर्बाद हो रही हैं और वह बीमा क्लेम की मांग कर रहे हैं. लेकिन सरकार उनकी मांगें नहीं सुन रही हैं. प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना है कि केवल सरकार को चेताने के लिए सांकेतिक जाम शुरू हो किया है. अगर अभी भी सरकार ने किसानों की मांग नहीं मानी तो ये प्रदर्शन उग्र हो सकता है.
इस समय स्थिति को देखते हुए प्रदर्शन स्थल पर भारी पुलिस बल की भी तैनाती की गई है. हाईवे पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है ताकि यातायात सुचारु रूप से चलता रहे और मार्गों से आने-जाने वाले वाहनों को डाइवर्ट किया जा सके. बता दें, इस दौरान बड़ी संख्या में किसान जमा हुए हैं जिन्होंने अपनी मांगों को लेकर अल्टीमेटम भी दे दिया है.