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त्रिपुरा में किसकी बनेगी सरकार, 2 मार्च को जनादेश से होगा फैसला

  अगरतला : त्रिपुरा विधानसभा का कार्यकाल 22 मार्च को खत्म हो रहा है. त्रिपुरा में इस समय भारतीय जनता पार्टी की सरकार है. त्रिपुरा में 16 फरवरी को मदतान होगा और नतीजे 2 मार्च को आयेगा. त्रिपुरा में 60 विधानसभा सीट है. इस समय त्रिपुरा में मानिक साहा सीएम है. 2018 में पहली बार […]

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त्रिपुरा में किसकी बनेगी सरकार, 2 मार्च को जनादेश से होगा फैसला
  • January 18, 2023 8:10 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

 

अगरतला : त्रिपुरा विधानसभा का कार्यकाल 22 मार्च को खत्म हो रहा है. त्रिपुरा में इस समय भारतीय जनता पार्टी की सरकार है. त्रिपुरा में 16 फरवरी को मदतान होगा और नतीजे 2 मार्च को आयेगा. त्रिपुरा में 60 विधानसभा सीट है. इस समय त्रिपुरा में मानिक साहा सीएम है.

2018 में पहली बार बनी थी बीजेपी की सरकार

2018 के त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की थी. बीजेपी ने 25 साल से शासन कर रहे लेफ्ट को बेदखल किया था. बिप्लब देब राज्य के सीएम बने थे. 2022 में बीजेपी ने बिप्लब देब की जगह मानिक साहा को राज्य की कमान सौंपी थी. सत्ता में वापसी करनी की जिम्मेदारी मानिक साहा पर होगी.

जिलेवार सीटों का आंकड़ा

पश्चिम त्रिपुरा में सबसे अधिक 14 विधानसभा सीटें है. 2018 में इन सभी सीटों पर भारितीय जनता पार्टी और गठबंधन की आईपीएफटी ने कब्जा जमाया था. 14 सीटों में 12 पर बीजेपी को जीत मिली थी वहीं 2 सीट पर आईपीएफटी के कैंडिडेट ने जीत दर्ज की थी. सिपाहीजाला में सीपीएम का दबदबा देखने को मिला था. यहां की 9 सीटों में से 5 सीटों पर सीपीएम के कैंडिडेट ने जीत दर्ज की थी, जबकि तीन पर बीजेपी और 1 सीट पर आईपीएफटी को जीत मिली थी. गोमती की 7 में से 5 और दक्षिणी त्रिपुरा में से 3 तीन सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी. धलाई में बीजेपी ने अपनी परचम लहराया था. 6 सीटों में से 5 पर बीजेपी और 1 पर गठबंधन की आईपीएफटी को जीत मिली थी.

चुनाव आते ही सियासी उथलपुथल

पिछले कुछ समय से त्रिपुरा में सियासी हलचल तेज हो गई है. 2018 में जीत दिलाने वाले बिप्लब देब को हटाकर मानिक साहा के सीएम बना दिया तो कई नेता पार्टी से अलग हो गए. बीजेपी नेता हंगाशा कुमार पिछले साल अगस्त में 6000 आदिवासी समर्थकों के साथ टिपरा मोथा में शामिल हो गए थे. वहीं दूसरी ओर आदिवासी अधिकार पार्टी बीजेपी विरोधी राजनीतिक मोर्चा बनाने की कोशिश कर रही है. चुनाव जैसै- जैसै नजदीक आ रहा है कई नेता पार्टी बदल रहे है. हमेशा से धुर विरोधी रही कांग्रेस और सीपीएम ने इस बरा हाथ मिला लिया है. दोनों ही पार्टियों ने साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला लिया है.

 

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