नई दिल्ली : ये नया साल कई लोगों के लिए जश्न नहीं मातम लेकर आया. जहां सड़क हादसों में कई परिवार उजड़ गए. ऐसा ही राजस्थान जयपुर में देखने को मिला जहां भीषण सड़क हादसे में एक साथ एक ही परिवार के कई लोगों का जीवन छिन गया. दो परिवारों के 12 चिराग हमेशा-हमेशा के […]
नई दिल्ली : ये नया साल कई लोगों के लिए जश्न नहीं मातम लेकर आया. जहां सड़क हादसों में कई परिवार उजड़ गए. ऐसा ही राजस्थान जयपुर में देखने को मिला जहां भीषण सड़क हादसे में एक साथ एक ही परिवार के कई लोगों का जीवन छिन गया. दो परिवारों के 12 चिराग हमेशा-हमेशा के लिए बुझ गए. दरअसल दो भाइयों का परिवार नए साल के अवसर पर जयपुर स्थित कुलदेवी को शीश नवा सुख समृद्धि और लंबी आयु की कामनाएं कर घर वापसी कर रहे थे. इसी बीच भीषण सड़क हादसे का शिकार हो गया. इस हादसे में 12 लोगों की मौत हुई जिसमें एक ही गांव के नौ लोग शामिल थे. एक ही गाँव में आठ सदस्यों की अर्थी को साथ उठता देखा चीख पुकार मच उठा. पूरा गान इस दृश्य को देख हैरान था और बिलख रहा था.
दरअसल 1 जनवरी पर जयपुर के सामोद निवासी कैलाशचंद और सुवालाल अपने परिवार के साथ कुलदेवी जीण माता के दर्शन करने गए थे. इस दौरान वह अपने नए वाहन से घर लौट रहे थे. इसी बीच पहले उनके वाहन ने सीकर में खण्डेला पलसाना सड़क मार्ग पर एक बाइक को टक्कर मारी और फिर ट्रक में जा घुसी. हादसा इतना भीषण था कि इसमें कैलाशचंद के दो बेटे विजय और अजय, बेटी रेखा, विजय की पत्नी राधा समेत सुवालाल की दोनों बहू पूनम और अनुराधा, पोता आरव और पोती निक्कू के साथ पड़ोसी अरविंद की मौके पर ही मौत हो गई.
इस ख़ौफ़नाक हादसे ने पूरे गांव को ही हिला कर रख दिया.सोमवार को जब इस पूरे परिवार का शव एक साथ गांव पहुंचा तो गांव में कोहराम मच गया. पूरे गांव में शोक का माहौल रहा जहां ना ही किसी घर में चूल्हा जला और ना ही कोई बाजार खुला. घर का आँगन केवल लाशों से भरा हुआ था. इस दृश्य को देखने के बाद कठोर से कठोर दिल वाला ग़मगीन हो गया. इतना ही नहीं चिता पर 8 जनों को 4 साल के मासूम ऋषभ द्वारा मुखाग्नि दी गई. इस मुखाग्नि को देखने के बाद पूरा गांव फफक-फफक कर रोने लगा.
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