लखनऊ: AIMPLB यानी ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष हजरत मौलाना राबे हसनी नदवी का गुरुवार (13 अप्रैल) को निधन हो गया। उन्होंने 93 साल की उम्र में यूपी के लखनऊ अंतिम सांस ली। जिस जगह पर उन्होंने आखिरी सांस ली वह डालीगंज स्थित नदवा मदरसा बताया जा रहा है। बता दें, राबे हसनी नदवी लंबे समय से किसी बीमारी में मुब्तिला थे। जानते हैं कि कौन थे मौलाना राबे हसनी नदवी…
जानकारी है कि मौलाना राबे हसनी नदवी रायबरेली के एक दीनदार घराने से ताल्लुक रखते थे। मौलाना राबे हसनी का जन्म 1 अक्टूबर, 1929 को हुआ था। उनका परिवार एक इल्मी परिवार माना जाता है। बताया जाता है कि मामा मौलाना अली मियां नदवी दुनिया में इस्लाम के बड़े स्कॉलर थे। सऊदी अरब ने उन्हें सर्वोच्च इस्लामी पुरस्कार से भी नवाजा था।
बता दें कि मोहम्मद राबे हसनी एक जाने माने नदवी सुन्नी इस्लामिक विद्वान थे। नदवी ने अपनी प्राथमिक शिक्षा रायबरेली में अपने परिवार के मकतब से प्राप्त की और आगे की पढ़ाई के लिए दारुल उलूम नदवतुल उलमा में शामिल हो गए। वह विश्व मुस्लिम लीग के संस्थापक सदस्य, अलमी रबिता अदब-ए-इस्लामी, रियाद (केएसए) के उपाध्यक्ष भी थे।
आपको बता दें, नदवी 1952 में लखनऊ में सहायक प्रोफेसर, 1955 में इसके अरबी विभाग के प्रमुख बने। इसके बाद साल 1970 में इसके अरबी संकाय के डीन बने। उन्हें अरबी भाषा और साहित्य में उनके योगदान के लिए उत्तर प्रदेश भारतीय परिषद और राष्ट्रपति पुरस्कार से एक पुरस्कार भी दिया गया था। मुजाहिदुल इस्लाम कासमी की मृत्यु के बाद 2002 में उन्हें ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का अध्यक्ष चुना गया। उन्होंने अरबी में 15 और उर्दू में 12 पुस्तकें प्रकाशित की हैं। उन्होंने विभिन्न संगठनों में कई वरिष्ठ पदों पर कार्य किया है।
दिल्ली की जहरीली हवाओं ने लोगों का सांस लेना दूभर कर दिया है. इस बीच…
एक कैदी जेल के गलियारे में आराम से बैठकर मोबाइल फोन पर बात करता नजर…
नई दिल्ली: बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सभी को टमाटर की चटनी खाना पसंद है.…
हाल ही में राम चरण ने एआर रहमान से किया अपना वादा निभाया है. संगीतकार…
रेलवे भर्ती बोर्ड ने 28 नवंबर को होने वाली असिस्टेंट लोको पायलट भर्ती परीक्षा के…
नई दिल्ली:बढ़ती गंभीर वायु गुणवत्ता का मतलब यह भी है कि यह एक व्यक्ति के…