Who Is Rizwan Asad Pandit: कश्मीर में 2 दिन पहले रिजवान असद पंडित नामक 30 वर्षीय स्कूल प्रिंसिपल की पुलिस हिरासत में मौत के बाद घाटी के हालात फिर से बिगड़ने लगे हैं. रिजवान के पिता ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि उनके बेटे की जान-बूझकर हत्या की गई है. रिजवान असद पंडित को 17 मार्च को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के शक में अरेस्ट किया था. जानिए कौन था रिजवान असद पंडित और उसके साथ क्या हुआ.
श्रीनगरः घाटी में एक बार फिर हिंसा भड़कने की आशंका जताई जा रही है. दरअसल, पुलिस कस्टडी में रिजवान असद पंडित नामक एक स्कूल प्रिंसिपल की मौत होने के बाद से लगातार राजनीतिक दलों, अलगाववादियों और स्थानीय लोगों की तरफ से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं कि रिजवान को जानबूझकर मारा गया है. मालूम हो कि रिजवान असद पंडित को बीते 17 मार्च को आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता के शक में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने हिरासत में लिया था. एनआईए की टीम ने रिजवान को पूछताछ के सिलसिले में हिरासत में लिया था, लेकिन 2 दिन पहले खबर आई कि पुलिस कस्टडी में रिजवान असद पंडित की मौत हो गई है. इस खबर के फैलने के बाद घाटी में तनाव फैल गया. रिजवान के पिता ने पुलिस पर बेटे की हत्या का आरोप लगाया. रिजवान की मौत के बाद घाटी में पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन होने लगे.
इस बीच लोगों ने रिजवान असद पंडित के बारे में जानना चाहा कि आखिरकार यह शख्स था कौन और क्या करता था. 30 वर्षीय रिजवान असद पंडित साउथ कश्मीर के पुलवामा जिले स्थित अवंतिपोरा का रहने वाला था.
देहरादून से केमिस्ट्री में एमएससी करने के बाद रिजवान कश्मीर यूनिवर्सिटी में पीएचडी के लिए अप्लाई करने वाला था. रिजवान ने अवंतिपोरा में ही प्राइवेट स्कूल का प्रिंसिपल था. साथ ही वह एक सरकारी पोलिटेक्निक कॉलेज में भी पढ़ाता था.
हाल के दिनों में खबरें आई थीं कि रिजवान का झुकाव जमात-ए-इस्लामी संगठन की तरह हुआ है और वह जमात कार्यकर्ता भी है. जमात-ए-इस्लामी को पिछले महीने पुलवामा हमले के बाद केंद्र सरकार ने बैन कर दिया था.
मालूम हो कि 14 फरवरी को पुलवामा में हुए सीआरपीएफ काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद से घाटी में कई संदिग्धों को हिरासत में लिया गया था. लेकिन पुलिस कस्टडी में इस तरह किसी की मौत की खबर नहीं आई थी. अब रिजवान की मौत के बाद से घाटी में फिर से हालात बिगड़ने की आशंका है.
रिजवान असद पंडित के पिता असदुल्लाह पंडित, जो कि रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी है. उनका कहना है कि मेरे बेटे की पुलिस हिरासत में हत्या कर दी गई. जब 17 मार्च को पुलिस की रेड पड़ी थी तो एनआईए की टीम ने उन्हें कहा था कि रिजवान के हिरासत में लेने की खबर वो किसी को न बताए. असदुल्लाह ने बताया कि उन्हें पुलिसकर्मियों ने कहा कि रिजवान को अगले दिन छोड़ देंगे, लेकिन बाद में उसकी मौत की खबर आई.
रिजवान असद पंडित के रिश्तेदारों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों के दौरान उनसे पुलिस ने कई बार पूछताछ की है और उनका उत्पीड़न किया है. वहीं रिजवान के बड़े भाई मुबशिर का कहना है कि उनके भाई को पुलिस ने गलत आरोपों में पकड़ा और हिरासत में उसके साथ जुल्म हुए.
उल्लेखनीय है कि रिजवान को पुलिस ने साल 2015 और 2017 में भी अरेस्ट किया था. पिछले साल अगस्त में रिजवान को पब्लिक सेफ्टी ऐक्ट (पीएसए) के तहत अरेस्ट किया था. पीएसए के तहत आरोपी को बिना किसी ट्रायल के 2 साल तक के लिए जेल में डाला जा सकता है.
पुलिस हिरासत में रिजवान की मौत की कश्मीर के प्रमुख नेताओं ने निंदा की है और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. नैशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हिरासत में मौत की खबर घाटी में अतीत बन चुकी थी, लेकिन रिजवान की मौत के बाद के बाद यह फिर से ऐसी खबर के रूप में सामने आई है जिसे कबूल नहीं किया जा सकता. इस मामले की जांच होनी चाहिए और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.
I had hoped custodial deaths were a thing of our dark past. This is an unacceptable development & must be investigated in a transparent, time bound manner. Exemplary punishment must be handed out to the killers of this young man. https://t.co/Jj9RzsFu7r
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) March 19, 2019
जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने कहा कि निर्दोष लोगों को घर से उठाया जाता है और कफन ओढ़े वो वापस आते हैं. इस तरह की घटना पर रोक लगनी चाहिए.
Innocent men hauled up from their homes for interrogation return home only in coffins now. GoI’s repressive approach leaves young educated men vulnerable who are forced to take up arms. Stop using Kashmir to exhibit your sick chauvinistic nationalism. We have suffered enough. https://t.co/YF4RhVb1QQ
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) March 19, 2019
आईएएस और हाल में राजनीतिक पार्टी बनाने वाले शाह फैजल ने कहा कि हिरासत में होने वाली मौत से कश्मीर में शांति की पहल को झटका लगेगा. इस मामले की तय सीमा में जांच होनी चाहिए और दोषियों को गिरफ्तार किया जाए.
https://twitter.com/shahfaesal/status/1107922103616135171