लखनऊ: यूपी के माफिया अतीक अतीक अहमद के बेटे असद को आज शनिवार को प्रयागराज के कसारी-मसारी कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। इस दौरान यहां कुछ महिलाएं नजर आईं। पुलिस ने कुछ महिलाओं को रोकने का भी प्रयास किया, लेकिन महिलाएं नहीं रुकीं। सूत्रों के मुताबिक यह चार-पांच महिलाएं हैं। सभी महिलाएं बुर्का पहनती […]
लखनऊ: यूपी के माफिया अतीक अतीक अहमद के बेटे असद को आज शनिवार को प्रयागराज के कसारी-मसारी कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। इस दौरान यहां कुछ महिलाएं नजर आईं। पुलिस ने कुछ महिलाओं को रोकने का भी प्रयास किया, लेकिन महिलाएं नहीं रुकीं। सूत्रों के मुताबिक यह चार-पांच महिलाएं हैं। सभी महिलाएं बुर्का पहनती थीं। बाद में पुलिस अधिकारियों ने उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की।
यह आशंका थी कि महिलाओं में से एक असद की मां हो सकती है और फरार शाइस्ता परवीन हो सकती थी। हालांकि, बाद में पता चला कि कब्रिस्तान वाली मस्जिद में छिपी महिलाओं में कोई भी शाइस्ता परवीन नहीं थीं। यह सभी महिलाएं अतीक की बहन शाहीन उनकी बेटी और तीन महिला रिश्तेदार थीं। पुलिस ने डेढ़ घंटे तक चेकिंग के बाद सभी को वापस जाने दिया।
इससे पहले, एक महिला सामने के दरवाजे से दाखिल हुई थी, उसे अंदर जाने दिया गया। वह खुद को असद की बुआ कहती थी। महिलाओं को कब्रिस्तान में देखे जाने के बाद ये सवाल भी उठने लगे थे कि क्या इन महिलाओं में शाइस्ता परवीन भी शामिल हैं। हालांकि इस सवाल का जवाब छानबीन के बाद मिला। जांच करने पर पता चला कि शाइस्ता परवीन लोकेशन पर नहीं गई थी।
माफिया अतीक अहमद के बेटे असद अहमद को आज प्रयागराज के कसारी-मसारी कब्रिस्तान में दफना दिया गया। असद के जनाजे में 35 करीबी रिश्तेदार शामिल हुए। बाकी स्थानीय लोगों को पुलिस ने कब्रिस्तान के बाहर ही रोक दिया। झांसी से असद के शव को घर न ले जाकर सीधे कब्रिस्तान ले जाया गया, जहां कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच उसे सपुर्द-ए-ख़ाक कर दिया गया।
माफिया अतीक अहमद अपने बेटे असद के जनाजे में शामिल नहीं हो सका। अतीक ने शुक्रवार को बेटे के जनाजे में शामिल होने के लिए रिमांड मजिस्ट्रेट से अपील की थी, लेकिन छुट्टी होने के कारण अदालत ने इनकार कर दिया था। इसके बाद अब शनिवार को सीजेएम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई होनी है।
इससे पहले शुक्रवार शाम करीब 7 बजे असद के फूफा डॉ. उस्मान, एक रिश्तेदार और दो वकील के साथ झांसी पहुंचे। इसके बाद रात 9:30 बजे शूटर गुलाम के साले नूर आलम और रिश्तेदार मोहम्मद रेहान भी झांसी पहुंचे। पुलिस ने दोनों के रिश्तेदारों से पहले वेरिफिकेशन कराया, इसके बाद उन्हें शव सौंपे गए। देर रात करीब 1:30 बजे पुलिस का काफिला असद-गुलाम के शव को लेकर प्रयागराज के लिए निकला।
बता दें कि शुक्रवार को झांसी में पूरे दिन इस बात को लेकर असमंजस की स्थिति बनी रही कि असद और गुलाम के शव को लेने के लिए परिजन आएंगे या नहीं। झांसी के जीवनशाह कब्रिस्तान में पुलिस प्रशासन ने कब्र भी खुदवा ली थी। अगर असद-गुलाम के परिजन नहीं आते तो दोनों को यहीं दफना दिया जाता। गुरुवार को पोस्टमार्टम के बाद दोनों का शव मॉर्चुरी में रखवाया गया था।