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पैसों की ये कैसी लालच, पेंशन के लिए पत्नी ने ज़िंदा पति को ही मार दिया!

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक महिला ने अपने जीवित पति को मृत घोषित कर सरकार से विधवा पेंशन मांग की। इस खुलासे के बाद अब पति ने अपनी ही पत्नी के खिलाफ मामला दर्ज कराया है और न्याय की मांग कर रहा है। मामला […]

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greedy wife killed her alive husband, Gazipur News, Uttar Pradesh
  • November 4, 2024 6:08 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 months ago

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक महिला ने अपने जीवित पति को मृत घोषित कर सरकार से विधवा पेंशन मांग की। इस खुलासे के बाद अब पति ने अपनी ही पत्नी के खिलाफ मामला दर्ज कराया है और न्याय की मांग कर रहा है। मामला गाजीपुर के मनिया ग्राम सभा का है, जहां रामअवतार नाम के एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी तारा देवी पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

पति को लगा गहरा सदमा

रामअवतार का कहना है कि उनकी पत्नी ने उन्हें मृत घोषित कर 2021 से विधवा पेंशन प्राप्त कर रही हैं, जिससे उसे हर महीने 2000 रुपये मिल रहे है। इस बात की जानकारी जब रामअवतार को मिली तो उन्हें गहरा सदमा लगा, क्योंकि उनकी पत्नी ने उनके जीवित रहते हुए ही उन्हें मृतक घोषित कर सरकारी योजना का लाभ लिया।

सरकारी धन का किया दुरुपयोग

रामअवतार ने सबसे पहले 19 जुलाई और फिर 29 जुलाई 2024 को गहमर थाना और पुलिस अधीक्षक कार्यालय को डाक द्वारा शिकायत भेजी। इस दौरान उन्होंने पत्नी पर धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए न्याय की मांग की। रामअवतार ने कहा कि उनकी पत्नी ने न सिर्फ उन्हें मृत घोषित कर दिया बल्कि सरकारी धन का दुरुपयोग भी किया। हालांकि उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिसके बाद उन्होंने न्यायालय का रुख किया।

पत्नी के खिलाफ एफआईआर

कोर्ट में मामला पेश होने के बाद न्यायालय ने गहमर थाना को आदेश दिया कि इस मामले में तारा देवी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाए। इसके बाद गहमर थाने में तारा देवी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 419 और 420 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और अब पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। इस घटना के बाद सरकारी योजनाओं के दुरुपयोग पर सवाल खड़े हो गए हैं. रामअवतार का कहना है कि उन्हें न्याय मिलना चाहिए और ऐसे मामलों में कठोर कार्रवाई होनी चाहिए ताकि सरकारी योजनाओं का लाभ केवल वास्तविक लाभार्थियों तक ही पहुंचे।

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