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संभल में क्या है मंदिर-मस्जिद का विवाद, चली गई 5 की जान, देश में बरपा हंगामा!

उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जामा मस्जिद को लेकर विवाद और हिंसा भड़क गई है। रविवार 24 नवंबर को जामा मस्जिद में सर्वे के लिए कोर्ट कमिश्नर की टीम पहुंची थी, जिसके बाद भारी हिंसा हुई। यह विवाद एक याचिका से जुड़ा है, जिसमें दावा किया गया था कि 1529 में बाबर ने हरिहर मंदिर को ध्वस्त कर वहां जामा मस्जिद का निर्माण कराया था।

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  • November 25, 2024 11:09 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 month ago

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जामा मस्जिद को लेकर विवाद और हिंसा भड़क गई है। रविवार 24 नवंबर को जामा मस्जिद में सर्वे के लिए कोर्ट कमिश्नर की टीम पहुंची थी, जिसके बाद भारी हिंसा हुई। इस हिंसा में पांच लोगों की मौत हो गई और कई पुलिसकर्मियों समेत दर्जनों लोग घायल हो गए। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए स्थानीय प्रशासन ने संभल जिले में इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दी है। लेकिन क्या आप जानते है ये विवाद कब शुरू हुआ और क्या है पूरा मामल?

क्यों हो रहा विवाद

यह विवाद एक याचिका से जुड़ा है, जिसमें दावा किया गया था कि 1529 में बाबर ने हरिहर मंदिर को ध्वस्त कर वहां जामा मस्जिद का निर्माण कराया था। याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कोर्ट में कहा था कि इस स्थान का ऐतिहासिक महत्व है और इसका संबंध भगवान विष्णु के कल्कि अवतार से है. कोर्ट ने 19 नवंबर को जामा मस्जिद का सर्वे कराने का आदेश दिया था, जिसके बाद 24 नवंबर को एक और सर्वे टीम मस्जिद पहुंची।

Sambhal Masjid

पुलिसकर्मियों पर हुआ पथराव

सर्वे टीम के पहुंचने पर मस्जिद परिसर में एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया। जब टीम मस्जिद में प्रवेश करने लगी, तो वहां जुटी भीड़ ने इसका विरोध किया। पुलिस ने रोकने की कोशिश की, लेकिन हिंसक भीड़ ने पुलिसकर्मियों पर पथराव किया और कई वाहनों में तोड़फोड़ कर आग लगा दी। इसके बाद पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने और लाठीचार्ज करने पर मजबूर होना पड़ा। इस संघर्ष में पांच लोग मारे गए, जबकि कई लोग घायल हो गए।

राजनीतिक बयानबाजी तेज

सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जामा मस्जिद एक ऐतिहासिक स्थल है और इसका सर्वे किसी चुनावी एजेंडे का हिस्सा नहीं है। उन्होंने कहा कि मस्जिद की प्रबंधन समिति और स्थानीय लोगों ने शांतिपूर्वक सर्वे कराया था और इसमें किसी भी प्रकार की कोई अनियमितता नहीं पाई गई। वहीं इस पूरे विवाद को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है, जिससे स्थिति और अधिक संवेदनशील हो गई है।

सर्वे की प्रक्रिया में 19 नवंबर को कोर्ट द्वारा नियुक्त कमिश्नर ने मस्जिद की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की थी और अब 29 नवंबर को रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जाएगी। इस पूरे मामले ने संभल में तनाव को बढ़ा दिया है और अब तक हुई हिंसा ने शहर में सुरक्षा और शांति के माहौल को प्रभावित किया है।

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