उदयपुर : मंगलवार को राजस्थान के उदयपुर में घाटी घटना से पूरा देश स्तब्ध रह गया है. बता दें, बीते मंगलवार राजस्थान के उदयपुर में दर्ज़ी कन्हैयालाल की निर्मम हत्या कर दी गई थी. आरोपियों ने इस हत्या को करने से पहले वीडियो बनाया, हत्या करते समय वीडियो बनाया और हत्या को कबूल करते हुए […]
उदयपुर : मंगलवार को राजस्थान के उदयपुर में घाटी घटना से पूरा देश स्तब्ध रह गया है. बता दें, बीते मंगलवार राजस्थान के उदयपुर में दर्ज़ी कन्हैयालाल की निर्मम हत्या कर दी गई थी. आरोपियों ने इस हत्या को करने से पहले वीडियो बनाया, हत्या करते समय वीडियो बनाया और हत्या को कबूल करते हुए भी एक वीडियो बनाया. जहां हत्यारें इन वीडियोज़ में पीएम नरेंद्र मोदी को भी धमकाते नज़र आए थे. इस हत्याकांड के पीछे कारण बस इतना था कि मृतक कन्हैयालाल के आठ वर्षीय बेटे ने उनके सोशल मीडिया अकाउंट से भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा के खिलाफ पोस्ट कर दिया था. अब इस मामले में मुस्लिम देशों ने क्या प्रतिक्रिया दी है आइये आपको बताते हैं.
पाकिस्तान के अखबार डॉन ने इस खबर को समाचार एजेंसी एएफपी के हवाले से प्रकाशित किया गया है. जहां अखबार ने इस घटना को नुपुर शर्मा के विवाद से जोड़कर दिखाया है. अखबार में लिखा गया, ‘उदयपुर की घटना पैगंबर विवाद का ही नतीजा है.’ यह रिपोर्ट कहती हैं, ‘दक्षिणपंथी भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने एक टेलीविज़न डिबेट में पैगंबर पर अपमानजनक टिप्पणी की थी. जिस पर इस्लामिक दुनिया ने तीखी प्रतिक्रिया दी. नुपुर की टिप्पणी से भारत और विदेशों में जमकर प्रदर्शन किए गए. प्रदर्शनों में मुसलमानों की मांग थी कि नूपुर शर्मा को कड़ी सजा दी जाए. और इसी विवाद से अब उदयपुर में हिंसा भड़क गई है.’
इस्लामिक देश तुर्की ने भी राजस्थान में घटित इस निर्मम हत्याकांड को दिखाया. जहां सरकारी ब्रॉडकास्टर टीआरटी वर्ल्ड ने भी इस घटना पर अपनी एक रिपोर्ट प्रकाशित की है. इस रिपोर्ट में लिखा गया है, ‘राजस्थान के उदयपुर जिले के कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है. विशेषज्ञों का इस मामले पर कहना है कि उदयपुर की घटना का हिंदू बहुल देश में गंभीर परिणाम हो सकता है, जहां सांप्रदायिक दंगे भी भड़क सकते हैं.’ इस रिपोर्ट में लिखा गया है कि कन्हैयालाल की दुकान में दो लोग धारदार तलवार लेकर आए और उनकी गर्दन को बेरहमी से काट दिया गया. वहीं नुपुर शर्मा के बारे में लिखा गया है कि उन्हें पैगंबर विवाद के बाद से नहीं देखा गया है.
अन्य खाड़ी और बहुल मुस्लिम आबादी वाले कतर बेस्ड अलजजीरा ने इस घटना पर कवरेज की है. जहां इस न्यूज़ एजेंसी ने पूरी घटना का ब्योरा दिया है. आर्टिकल के अंत में लिखा गया है, ‘आलोचक पीएम मोदी की भाजपा पर मुस्लिम समुदाय को हाशिए पर रखने और बांटने वाली राजनीति करने का आरोप लगाते हैं. कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान के जोधपुर में पिछले महीने भी हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच तनाव दिखाई दिया था. इस रिपोर्ट में साल 2017 की एक घटना का भी जिक्र किया गया है जिसमें एक मुस्लिम मजदूर को मारकर दिन दहाड़े जला दिया गया था.
मुस्लिम देश मलेशिया के अखबार मलय मेल ने इस घटना पर कवरेज की है. जहां उनकी रिपोर्ट को भारत में धार्मिक हिंसा के इतिहास से जोड़ा है. अखबार लिखता है कि भारत में धार्मिक हिंसा को लेकर काफी भयानक इतिहास रहा है. साल 1947 में ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के बाद से ही देश में लाखों लोग साम्प्रदायिक दंगों में मारे गए हैं. इस रिपोर्ट में आगे लिखा गया है, ‘भारत, जहां की 1.4 अरब आबादी का 13 प्रतिशत मुसलमान हैं, 2014 में मोदी के सत्ता में आने के बाद से Hindu First एजेंडे पर काम कर रहा है इस एजेंडे ने देश में तनाव पैदा कर दिया है.’
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